विक्रम मिश्र, लखनऊ. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से निश्चित ही यूपी में निष्क्रिय पड़ी कांग्रेस को संजीवनी मिली थी, लेकिन उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सब ठीक नहीं है. संगठन और वर्चस्व को लेकर तलवारें म्यानों से बाहर आ गई है. इस खींचतान की मुख्य वजह दो नेताओं की टीम का एक साथ एक जैसा ही काम करना है.
टीम प्रियंका और यूपी प्रदेश प्रभारी दे रहे दर्द
उत्तर प्रदेश कांग्रेस में दो टीम काम कर रही है एक है प्रियंका गांधी की टीम और दूसरी प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय की टीम, प्रियंका गांधी की टीम की कमान सन्दीप सिंह संभाल रहे हैं. बता दें कि 2018 में कांग्रेस की कमान मधुसूदन मिस्त्री से लेकर प्रियंका गांधी को दिया गया था. जिसके बाद संदीप सिंह को टीम प्रियंका की ज़िम्मेदारी दी गई थी. उस दौर में जब प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर बृजलाल खाबरी हो या अजय लल्लू दोनों के कार्यकाल में सन्दीप सिंह की टीम भारी रही है. सन्दीप सिंह सक्रियता के कारण ही कांग्रेस के पुराने नेता या तो घर बैठ गए या फिर दूसरे दलों में चले गए.
खींचतान की मुख्य वजह बना कार्यालय
यूपी प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने लोकसभा चुनाव से पहले वॉर रूम बनाया था, जिसमें की कांग्रेस के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को इसकी संचालन की ज़िम्मेदारी दी गई थी. मिली जानकारी के अनुसार संदीप सिंह की टीम ने इस वॉर रूम को बंद करवाना चाहा, लेकिन अविनाश पांडेय ने इसको जारी रखा. लेकिन प्रदेश प्रभारी के आदेश के बावजूद सन्दीप सिंह की टीम ने कार्यालय में ताला जड़ दिया था. जिसकी जानकारी अविनाश पांडेय को हुई थी तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए सन्दीप सिंह के करीबी से कार्यालय प्रशासन का प्रभार छीनकर लेखाधिकारी को दे दिया था.
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