रायपुर– राजधानी के अंबेडकर अस्पताल स्थित मर्चुरी में शव के साथ घटित अमानवीय व्यवहार की खबर को लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर गहरी संवेदना प्रकट की है. सीएम ने ट्वीट कर कहा कि बेहद दुखद है. ये तस्वीर हमें बदलनी होगी. दुख के इस क्षण में मैं मृतक के परिजनों के साथ हूं और अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और अंबेडकर अस्पताल के डीन को तत्काल तलब कर दिया है. इस तरह एक बार फिर लल्लूराम डॉट कॉम की खबर असर हुआ है.
दरअसल मंगलवार को टाटीबंद निवासी कौशल गुप्ता (40 वर्ष) नाम के व्यक्ति की हार्टअटैक से मौत हो गई. मौत के बाद परिजनों ने नेक काम करते हुए मृतक का नेत्रदान कर दिया. और उस वक्त समय ज्यादा होने पर शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया. लेकिन डाक्टरों ने शव को अच्छे से रखने के बजाय लावारिस फेंक दिया. इतना ही नहीं, शव से नेत्र निकालने के बाद आंखों में पट्टी तक नहीं बांधा गया था. जबकि शव को नियमित सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से रखना था.
परिजनों ने की थी कार्रवाई की मांग
ऐसा होता देख परिजन सहन नहीं कर सके और मर्चुरी में हंगामा करने लगे. परिजन दुख की इस घड़ी में कोई बवाल नहीं करना चाहते थे इस वजह से शांत हो गए, लेकिन आगे किसी के साथ भी ऐसा ना हो इसके लिए मामले को संज्ञान में लेते हुए जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की मांग की है. यह पहला मामला नहीं है ऐसे ही कई मामले पहले भी मेकाहारा अस्पताल में देखने को मिले हैं. लेकिन लोग इसकी शिकायत करने से बचते रहते हैं. लेकिन कब तक शव के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार होता रहेगा. अब इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते दिख रहे हैं.
परिजनों का कहना है कि मंगलवार को करीब 3 बजे शव को लेकर मेकाहारा अस्पताल स्थित मर्चुरी में पोस्टमार्टम कराने आए थे. इस दौरान परिवार के सभी सदस्यों ने फैसला लिया कि मृतक का नेत्रदान करेंगे. नेत्रदान करने के बाद पीएम करने कहा गया, लेकिन डॉक्टर समय समाप्त होने का हवाला देते हुए बुधवार को पीएम करने की बात कहीं. परिजनो ने डॉक्टर से गुजारिश करते हुए शव को फ्रीजर में रखने की बात कहकर वहां से चले गए. दूसरे दिन जब परिजन मर्चुरी पहुंचे तो शव लावारिस हालत में पड़ा दिखा.