बिलासपुर. पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से हुक्के का सामान मंगाकर बिलासपुर में बेचने वाले दो लोगों को सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनके कब्जे से छह दर्जन हुक्का पाट और अन्य सामान जब्त कर कोटपा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक प्रताप चौक के पास स्थित पान की दुकान में हुक्के का सामान बेचा जा रहा है, इसकी सूचना पर जवानों ने मौके पर दबिश देकर विशाल केशरवानी(27) निवासी तेलीपारा और नीरज शाह(25) निवासी तोरवा को पकड़ लिया. पुलिस ने आरोपित युवकों के कब्जे से छह दर्जन हुक्का पाट, फ्लेवर, पाइप और अन्य सामान जब्त कर कोटपा एक्ट के तहत कार्रवाई की है.
हुक्का पीने के नुकसान (Side effects of Hookah)
सबसे पहला कारण तो यही है कि लोगों में मिथक है कि हुक्का पीने के नुकसान (Disadvantages of Hookah )सिगरेट से कम ही होते हैं. इसकी वजह से बीते कुछ समय में हुक्का बार और हुक्का पीने वालों की संख्या में भी काफी तेजी से इजाफा हुआ है, जिसके चलते हुक्का पीना आज एक ‘ट्रेंड’ बन चुका है. हुक्के में इस्तेमाल होना वाले तम्बाकू में कई केमिकल मिलाकर उसे एक अलग फ्लेवर दिया जाता है, इससे हुक्के का स्वाद मीठा हो जाता है और शायद यही कारण भी हो सकता है कि हुक्का पीना पॉपुलर बन रहा है.
हुक्का पीने के नुकसान किस तरह से हो सकते हैं?
हुक्के में कई तरह के विषाक्त पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है. सिगरेट पीने और हुक्का पीने के नुकसान लगभग एक समान ही हो सकते हैं. हुक्के के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड, टार, आर्सेनिक, क्रोमियम, कोबाल्ट, कैडमियम, फॉर्मेल्डिहाइड, एसीटैल्डिहाइड, एक्रोलीन, लेड, पोलोनियम 210 नामक रेयिडोधर्मी आइसोटोप पाया जाता है. जिस वजह से हुक्का पीने के नुकसान और स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ सकते हैं.
हुक्का पीने के नुकसान (Side effects of Hookah )
1.कैंसर का कारण भी बन सकता हुक्का पीना
सिगरेट से ज्यादा जहरीला होता है हुक्का पीना. ऐसा दावा किया जाता है सिगरेट में पाया जाने वाला टार हुक्के में नहीं होता है. जबकि, टार एक ऐसा तत्व है जो तम्बाकू को जलाने के बाद बनता है. यह तम्बाकू के धुएं में पाया जाता है. इसके अलावा हुक्के के तम्बाकू को गर्म करने के लिए चारकोल का इस्तेमाल किया है, जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड, कई तरह के मेटल्स और अन्य कैंसर उत्पादक एजेंट का इस्तेमाल किया जाता है. कई रिसर्च इसका दावा भी कर चुके हैं कि, हुक्का पीने के नुकसान में सबसे बड़ा कारण कैंसर (Cancer) का जोखिम हो सकता है. हुक्का पीने वाले लोगों में फेफड़े का कैंसर, मुंह का कैंसर, दिल की बीमारियां जैसे गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां होने का खतरा बढ़ जाता है.
2.हुक्के का एक सेशन = 200 सिगरेट पीना
सामान्य तौर पर हुक्का पीने का एक सेशन 30 से 40 मिनट तक का हो सकता है. इस दौरान हुक्का पीने वालों के फेफड़ों में 100 से 200 सिगरेट बराबर धुआं जाता है. इसके अलावा सिगरेट के मुकाबले हुक्का पीने में अधिक गहराई से सांस लेनी होती है, जिसका मतलब है फेफड़ों में और अधिक धुंआ जाना.
3.‘फ्रूट फ्लेवर’ बच्चों के लिए घातक
हुक्का अपने अलग-अलग स्वाद के कारण लोगों को आकर्षित करता है. वहीं, हुक्के का फ्रूट फ्लेवर कम उम्र के बच्चों का पसंदीदा माना जाता है. हुक्के का स्वाद बढ़ाने के लिए सेब, कॉफी, स्ट्राबेरी, अंगूर, और चैरी जैसे बहुत से बहुत से फ्लेवर आते हैं. इसके साथ ही, हुक्के का नाम हुक्के के फ्लेवर पर ही रखा जाता है, जिससे लोगों के दिमाग में हुक्का पीने के नुकसान का ख्याल आता ही नहीं है. दरअसल, हुक्के के तम्बाकू को इन फ्लेवर का स्वाद देने के लिए कृत्रिम तौर पर इनका इस्तेमाल किया जाता है. जिसे बनाने के लिए कई अलग-अलग रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है.
4.टीबी जैसी गंभीर बीमारियों का कारण
हुक्का चाहे अकेले में पीएं या ग्रुप के साथ, उससे पहले भी उसी हुक्के का इस्तेमाल कई अन्य लोगों द्वारा किया जा चुका होता है. जो संक्रमित बीमारियों, जैसे- ट्यूबरक्लोसिस (टीबी), हेपेटाइटिस और हर्पीस वायरस के जोखिम को बढ़ाता है.
5. हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है हुक्का पीना
हुक्का न सिर्फ पीने वाले के लिए बल्कि, उसके आस-पास बैठ लोगों के लिए जखिम भरा हो सकता है. हुक्के के धुएं में कई अलग-अलग तरह के रसायन होते हैं जिसके कारण धमनियां ब्लॉक हो सकती हैं जो हार्ट अटैक (Heart attack) के जोखिम को बढ़ा सकता है.