रामेश्वर मरकाम, धमतरी। कुरूद विकासखंड के खपरी गांव में दो अलग-अलग मामले को लेकर समाज के हुक्मरानों ने तुगलकी फरमान जारी किया है। जिसके चलते दो परिवार बीते चार सालों से गुमनामी की जिन्दगी जीने को मजबूर है। पीड़ित परिवार से न कोई बातचीत करता है और न ही किसी प्रकार की लेनदेन करते है। वहीं कोई इस परिवार से बातचीत करता है तो उन्हें भी आर्थिक दंड चुकाने की सजा मिलती है।

आधुनिकता और कानून के तमाम बंदिशों के बावजूद भी आए दिन दंबगो का कहर जारी है जिनके निशाने मे गरीब तबके के लोग होते है। कुरूद ईलाके के ग्राम पंचायत खपरी में समाज के दंबगो ने कलाबाई साहू और उनके परिवार को बीते पांच से बहिष्कार कर दिया है। कलाबाई साहू कहती है कि उनके बेटे की तबियत खराब था और कई बार इलाज कराने की कोशिश भी की लेकिन जब ठीक नही हुआ तो वे और उनका परिवार दूसरे धर्म के प्रार्थना सभा मे जाकर शामिल होते थे । पूरे गांव में इस परिवार से बातचीत करने में पांबदी है। अगर बातचीत करते है तो 5 हजार रू अर्थदंड चुकाना पड़ता है।

इसी तरह उमेन्द्र साहू के परिवार का भी गांव में हुक्कापानी बंद कर दिया गया है। दरअसल उमेन्द्र साहू की बेटी ने दूसरे समाज के युवक से ब्याह कर ली थी जिसके एवज में समाज ने 15 हजार का दंड चुकाने की फरमान जारी किया था लेकिन दंड नही चुकाने पर समाज के ठेकेदारो को इतना नागवार गुजरा और इस परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया।

इस तुगलकी फरमान से मौजूदा वक्त में कोई भी इन परिवार के साथ लेन देन नही करता है और न ही बातचीत करता है। जिसके वजह से इन परिवारों को तमाम तरह की दिक्कतो का सामना करना पड रहा है। इतना ही नही गांव मे इन परिवारों को कोई भी मजदूरी का काम नही दिया जाता है और न ही कोई इनके कामों में सहयोग करते है। फिलहाल पीडित परिवारो ने कई बार इसकी शिकायत चुके है लेकिन इसकी फरियाद आज तक किसी ने नहीं सुनी। बहरहाल जिला प्रशासन जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कह रहे है।