संदीप ठाकुर, लोरमी। मुंलेगी जिले के लोरमी थाना क्षेत्र अंतर्गत चिल्फी पुलिस चौकी के डिंडौरी गांव में एक 70 वर्षीय अधेड़ की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी. इस खौफनाक वारदात में शामिल दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के अनुसार अधेड़ मृतक का नाम 70वर्षीय भगत यादव है, जो अपने घर पर दो दिनों पहले रात में अपनी पत्नी के साथ अलग बिस्तर में सो रहा था.

इस दौरान गहरी नींद में सो रहे भगत यादव के सिर पर 65 वर्षीय पत्नी मथुरा यादव के आंखों के सामने खुद के बेटे और कलयुगी पोते ने पुरानी जमीन विवाद को लेकर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ हमला कर दिया था. इससे उनकी मौके में ही मौत हो गई. हालांकि इस घटना को अधेड़ मृतक की पत्नी ने देखा, लेकिन उसे किसी को इस घटना की जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी दी गई, जिसके चलते मृतक की पत्नी मामले की हकीकत को छुपा रही थी.

वहीं चिल्फी पुलिस ने मृतक की पत्नी के बयान के बाद कड़ाई से पूछताछ किया, जिसमें उन्होंने बताया कि पत्नी के साथ कमरे में सोए अधेड़ पति की हत्या उनके बेटे और पोते ने किया है. जहां पत्नी के सामने अधेड़ पति को मौत के घाट उतारा गया है. साथ इस पूरे मामले में चिल्फी पुलिस के द्वारा अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर संदिग्धों से पूछताछ कर मामले की जांच में जुटी थी.

बताया जा रहा है कि जमीन विवाद को लेकर सिर में धारदार हथियार से प्राणघातक हमला किया गया था. वहीं इस पूरे घटना की जानकारी गांव के कोटवार ने चिल्फी पुलिस चौकी में देने के बाद लोरमी एसडीओपी माधुरी धिरही ने भी घटनास्थल पहुंचकर मुआयना किया था.

मामले में एसडीओपी माधुरी धिरही ने बताया कि घटना के बाद डाग स्क्वाड की मदद से आरोपियों को पकड़ने के लिए ली गई, लेकिन डाग स्क्वाड से किसी तरीके की कोई सुराग नहीं मिला, जिसके बाद कड़ाई से पूछताछ करने पर अधेड़ की पत्नी ने बताया कि उनके बेटे और उनके पोते ने उनके पति को मौत के घाट उतारा है, जिसके बाद घर के जालीदार रोशनदान को साक्ष्य छुपाने के लिए तोड़ दिया गया.

हालांकि चिल्फी पुलिस को आरोपियों ने गुमराह किया, लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने के बाद मामले का खुलासा हो सका. वहीं इस पूरे मामले में गिरफ्तार कलयुगी बेटे और पोते को लोरमी न्यायालय में पेश किया गया. जहां से उन्हें जेल दाखिल कर दिया गया है.

वहीं इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में चिल्फी चौकी प्रभारी सुशील कुमार बंछोर प्रधान आरक्षक चिंताराम कश्यप, रोशन टंडन, आरक्षक देवी चंद नवरंग, रमेश बर्मन, अशोक जोशी, सहित विनोद बंजारे की महत्वपूर्ण भूमिका रही.