मनोज मिश्रेकर, राजनांदगांव. कहा जाता है कि जब इश्क जुनून बनकर हावी हो जाए, तो फिर वह किसी भी हद तक जा सकता है. कुछ ऐसा ही मामला राजनांदगांव शहर के बसंतपुर थाना क्षेत्र में आया है, जहाँ दो प्यार करने वाले एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं. दोनों बालिग भी हैं , दोनों में बस एक ही समानता है कि वह दोनों लड़की हैं. समलैंगिक वाला यह प्यार समाज को स्वीकार नहीं है. इसलिए लड़कियाँ अब कानून के शरण में हैं.  वे पुलिस ने सुरक्षा चाहती हैं.

ये है पूरा मामला
28 वर्षीय मनीषा और 18 वर्षीय दिव्या (परिवर्तित नाम) के बीच 9 माह पूर्व दोस्ती हुई थी. यह दोस्ती धीरे-धीरे मोहब्बत में बदल गई. दोनों एक दूसरे के साथ रहने के आदी होते गए, जीने और मरने की कसमें खा ली, लेकिन उनके प्यार के पीछे जो बड़ी रुकावट थी, वाह है समलैंगिक होना. दिव्या ने जब अपने परिजनों से मनीषा से शादी करने की बात कही, तो परिजनों के होश उड़ गए. परिजनों ने समलैंगिक विवाह करने से इनकार कर दिया. इसके बाद मनीषा और दिव्या दोनों बसंतपुर थाने पहुंचे और स्वयं को बालिग बताते हुए अपनी मर्जी से शादी करने की इच्छा जताई. जिस पर बसंतपुर थाना प्रभारी राजेश साहू ने उन्हें न्यायालय की शरण में जाने की नसीहत दी.

मनीषा ने शादी करने एक आवेदन थाना बसंतपुर में दिया है, वहीं इस मामले की सूचना मिलने पर दिव्या के पिता ने भी थाने में मनीषा के खिलाफ शिकायत की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि मनीषा पूर्व में शादीशुदा थी, जिसका तलाक हो चुका है और वह अब उनकी बेटी को अपने जाल में फांस कर उसे गलत धंधे में धकेलना चाह रही है.

पिता के आवेदन के बाद पुलिस ने मामला न्यायालय में ले जाने की सलाह दी है. वहीं मनीषा ने अपना लिंग परिवर्तन करवाकर शादी करने का हलफनामा पुलिस को सौंपा है. इस अनोखे प्यार की कहानी अब न्यायालय के शरण में पहुंचेगी, लेकिन इसकी चर्चा समाज में होने लगी है. समलैगिंग समुदाय के लोग प्रेम पूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर सके, इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने भी समलैंगिक शादी को मान्यता दी हुई है. इसके बावजूद दोनों को विवाह के लिए भटकना पड़ रहा है और न्यायालय की शरण में जाने की नौबत भी आन पडी़ है.