आजाद सक्सेना, दंतेवाड़ा. बैलाडीला की तराई क्षेत्र में बसे लोहा गांव के दो युवक लाल नदी में बह गए. ग्रामीणों ने एक का शव नदी से निकाला, वहीं एक युवक की तलाश जारी है. दोनों युवक किरंदुल सप्ताहिक बाजार में रोजमर्रा का सामान लेने आए थे. गांव वापसी के दौरान दोनों युवक नदी पार करते दुर्घटना के शिकार हो गए. ग्रामीणों ने नक्सली डर के चलते थाने में सूचना नहीं दी है.

यह घटना किरंदुल थाना क्षेत्र की है. लोहा गांव के युवक छन्नू मांडवी ने बताया कि रविवार को किरंदुल साप्ताहिक बाजार में रोजमर्रा का सामान लेकर तीन लोग गांव के लिए निकले थे. नदी में पानी बहुत था तो एक बुजुर्ग को नदी के किनारे बैठा कर दोनों भाई शुकु कुंजाम और बुधराम कुंजाम नदी को पार कर दूसरी ओर समान ले जाकर छोड़ने गए, लेकिन वे दोनों नदी के तेज बहाव में बह गए. जैसे तैसे वह बुजुर्ग गांव पहुंचे और ग्रामीणों को सूचना दी.

ग्रामीणों ने सोमवार को दोनों को ढूंढा, जिसमें एक युवक का शव काफी दूर नदी के किनारे मिला. वहीं दूसरा अब तक लापता है. छन्नू ने बताया कि एनएमडीसी के लोहा अयस्क खदान का लाल पानी नंदराज पहाड़ के किनारे से होकर हमारे गांव से बहकर निकलता है और बरसात के दौरान अक्सर ये हादसा होता है. कई बार पुलिया की मांग की गई, लेकिन आज तक हमारे गांव में सरकार की कोई भी मूलभूत सुविधा नहीं पहुंची.

नदी-नाले पार कर रही आवाजाही करते हैं ग्रामीण
जब ग्रामीण से पूछा गया कि आप इसकी शिकायत थाना में करा रहे हैं तो ग्रामीणों ने कहा कि गांव में पुलिस जाएगी तो नक्सली हम को मारेंगे इसलिए हम लोगों को मुआवजा नहीं चाहिए. हम लोग अंतिम संस्कार कर देंगे, बस नदी में अगर पुल बन जाए तो हम लोगों को राहत मिल जाएगी. आपको बता दें कि किरंदुल से 19 किलोमीटर की दूरी पर लोहा गांव बैलाडीला पहाड़ियों के पीछे बसा है, जहां पहाड़ियों के रास्ते नदी नाला पार कर पैदल ही जाया जा सकता है. इस गांव तक पहुंचने के लिए सिर्फ पगडंडी ही सहारा है और इस गांव में माओवादियों की हुकूमत चलती है, जिसके चलते ग्रामीण खुलकर अपना दुख भी बयां नहीं कर सकते.