अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ में आउटसोर्सिंग पर यू टर्न ले लिया गया है. रायपुर के बाद अंबिकापुर सहकारी बैंक में आउटसोर्किंग से भर्ती किए जाने का आदेश जारी हो गया है. यह आदेश अंबिकापुर जिला सहकारी बैंक ने जारी किया है. जबकि छत्तीसगढ़ कांग्रेस शुरू से आउटसोर्सिंग के खिलाफ थी और सरकार में आते ही इस पर रोक लगा दिया था. बावजूद इसके कांग्रेस शासित प्रदेश में आउटसोर्सिंग फिर से शुरू कर दिया गया है.
अंबिकापुर सहकारी बैंक के अहम पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती करने को कहा गया है. रायपुर की एबीआर आर्किटेक्चर एंड एसोसिएट्स को वर्क आर्डर मिला है. सहकारी पदों के सेटअप के विरुद्ध यह भर्ती हो रही है. जबकि कांग्रेस आउटसोर्सिंग की प्रबल विरोधी रही है. लेकिन कांग्रेस के राज में सहकारी समितियों में आउटसोर्सिंग हो रही है. कानूनी रूप से भी आउटसोर्सिंग गलत है. सहकारी संथाओं के पंजीयक हिम शिखर गुप्ता है. आउटसोर्सिंग कंपनियों के कर्मचारियों के पास सोसाइटी के संवेदानशील डाटा रहेगा. रायपुर सहकारी बैंकों पहले में ही आउटसोर्सिंग से भर्ती हो चुकी है.
सहकारी बैंक की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि आउटसोर्सिग भर्ती प्रक्रिया को अपरिहार्य कारणों से आगामी व्यवस्था तक स्थगित किया गया था. अब इस संबंध में प्राधिकृत अधिकारी से हुई चर्चानुसार भर्ती प्रक्रिया दोबारा प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है. इसलिए उपरोक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए निम्न मानव संसाधन उपलब्ध कराए जाने के लिए आपको निविदा की शर्तो और संलग्न निष्पादित अनुबंध और वेतन के आधार पर कार्यादेश जारी किया जाता है.
बैंक में पर्यवेक्षक/समिति प्रबंधक के 30 पद निकाले गए हैं. जिसके लिए प्रतिमाह 25 हजार रुपए सैलरी भी निर्धारित की गई है. बैंक की तरफ से कहा गया है कि वर्तमान में 30 लोगों की आवश्यकता बैंक को है. इसलिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के आधार पर योग्य व्यक्ति को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें.
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