जयपुर. गहलोत कैबिनेट ने बुधवार को संवेदनशील निर्णय लेते हुए उदयपुर की घटना में मृतक कन्हैयालाल तेली के बेटे यश और तरुण तेली को सरकारी नियुक्ति देने का निर्णय लिया. नियुक्ति के लिए नियमों में शिथिलता दी गई है.आतंक फैलाने वाली इस जघन्य घटना के कारण मृतक के परिवार में जीविकोपार्जन का अन्य कोई स्त्रोत नहीं होने से आश्रितों को नियुक्ति दिए जाने पर जीवनयापन सुचारू रूप से चलेगा.

दोनों बेटों को नौकरी मिलने से परिवार को आर्थिक एवं मानसिक संबल प्राप्त होगा. हालांकि अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि दोनों बेटों को नौकरी किस विभाग में दी जाएगी. उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की उनकी दुकान में हत्या कर दी गई थी. इसके बाद 30 जून को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके परिवार से मिलने पहुंचे थे. तब राज्य सरकार की ओर से परिवार को 51 लाख रुपए का चेक दिया गया था. साथ ही दोनों बेटों को नौकरी देने की बात भी कही गई थी.

कैबिनेट बैठक में ये भी निर्णय लिए गए
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ट्वीट के जरिये जानकारी दी. मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के राजकीय कार्मिकों की वेतन विसंगतियों को दूर करने, न्यूज वेबसाइट्स को सरकारी विज्ञापन जारी करने, नवीन राजकीय महाविद्यालयों के बेहतर प्रबंधन के लिए राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसायटी का गठन करने का निर्णय लिया गया.

जांच में अब तक कोई कमी नहींः गहलोत
सीएम अशोक गहलोत ने कहा, कन्हैयालाल के हत्यारों को उसी दिन हमारी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मैं भी जोधपुर का अपना सारा कार्यक्रम छोड़कर वापस जयपुर आ गया, ताकि इस भयानक घटना को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई जा सके, लेकिन बीजेपी नेताओं ने इस बैठक की बजाय हैदराबाद अपनी कार्यकारिणी की बैठक में जाना ही मुनासिब समझा. हमने अपनी जांच में अब तक भी कोई कमी नहीं रखी है. बावजूद इसके वे लोगों को उकसाने में लगे हुए हैं. बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक तक में इस आतंकी घटना के विरोध में एक निंदा प्रस्ताव तक पारित नहीं किया गया.