रायपुर। Neet UG की जारी लिस्ट में कई खामियां नजर आ रही है, जिससे हर साल की तरह इस बार भी काउंसलिंग चयन प्रक्रिया के विवादित होने के पूरे आसार हैं. जारी लिस्ट को लेकर यूनिफाइड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन (यूडीएफए) ने सवाल उठाए हैं. आरोप है कि स्टेट कोटा के सीट के लिए जिनके पास डोमिसाइल नहीं है, उनको भी इसमें जोड़ा गया है. इसे छत्तीसगढ़ के रहवासियों के साथ धोखा करार देते हुए जरूरी सुधार के लिए संचालक चिकित्सा शिक्षा को ज्ञापन सौंपा गया है.
यूडीएफए ने संचालक चिकित्सा शिक्षा को सौंपे अपने ज्ञापन में कहा कि एनईईटी यूजी रैंक सूची में हमने पिछले वर्ष की सूची की तुलना में एक महत्वपूर्ण अंतर देखा है. विशेष रूप से, पीडीएफ प्रारूप में प्रदान की गई इस वर्ष की रैंक सूची में एक महत्वपूर्ण कॉलम प्रत्येक उम्मीदवार का व्यक्तिगत स्कोर का अभाव है. इसके विपरीत पिछले वर्ष की रैंक सूची में यह आवश्यक जानकारी शामिल थी. महत्वाकांक्षी चिकित्सा पेशेवरों के रूप में हमारे रैंकों के साथ-साथ हमारे अंकों तक पहुंच कई कारणों से अमूल्य है.
इसमें पहला पारदर्शिता और स्पष्टता है, जिससे अपने स्कोर जानने से हम अपने प्रदर्शन को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और सुधार के क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं। यह मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है. दूसरा प्रभावी तैयारी,
भविष्य में NEET UG के उम्मीदवारों को स्कोर तक पहुंच से काफी फायदा हो सकता है. यह उन्हें प्रतिस्पर्धा के स्तर का आकलन करने, यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करने और उसके अनुसार अपनी तैयारी रणनीतियों को तैयार करने में सक्षम बनाता है.
इसके अलावा विसंगतियों और मुकदमेबाजी से बचना भी जरूरी है. इसके लिए अंकों को शामिल करके, आप किसी भी संभावित विसंगतियों या कानूनी मुद्दों को रोकते हैं, जो इस महत्वपूर्ण जानकारी के अभाव के कारण उत्पन्न हो सकते हैं. उम्मीदवार रैंक सूची प्रस्तुति में स्पष्टता और निरंतरता के पात्र हैं.