NEET विवाद के बाद UGC-NET का पेपर लीक होने से परीक्षा कराने वाली एजेंसी NTA सवालों के घेरे में है. शिक्षा मंत्रालय ने पीपर लीक की जांच CBI को सौंप दी है और NTA की समीक्षा करवाने के लिए टीम गठित कर दी है. गृह मंत्रालय के 14C को पेपर लीक से जुड़े इनपुट मिलने के बाद यह फैसला किया गया था. सूत्रों के हवाले से बताया गया कि सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म Telegram के जरिए पेपर लीक किया गया था और एक दिन पहले ही पेपर के लिए कीमत मांगी जाने लगी थी.

Telegram पर प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट और कई लिंक पोस्ट किए जा रहे थे. बाद में शिक्षा मंत्रालय ने जब उनको पेपर से मैच कराया तो यह सेम निकला. 14 C के अधिकारियों से हवाले से इस रिपोर्ट में बताया गया कि UGC-NET के क्वेश्चन पेपर टेलीग्राम पर 5 हजार रुपये में बेचे जा रहे थे. अधिकारियों को एक अन्य ग्रुप के बारे में पता चला था जिसपर 10 हजार रुपये में प्रश्न पत्र को बेचा जा रहा था. परीक्षा के एक दिन पहले ही कई ग्रुप पर पेपर उपलब्ध था.

सूत्रों का कहना है कि टेलिग्राम ही पेपर लीक के एपिसेंटर बनकर सामने आया है. शिक्षा मंत्रालय को कई ऐसे लिंक दिए गए थे जिनपर पेपर बेचे जा रहे थे. हालांकि इस बात का अब तक पता नहीं चला है कि टेलिग्राम ग्रुप वालों को पेपर कहां से मिले. आशंका है कि डार्क वेब के जरिए ये पेपर जुटाए गए. सोशल मीडिया ऐप पर NET के पेपर के बारे में जानकारी भेजी जा रही थी. जब इसके बारे में पता चला तो इसे शिक्षा मंत्रालय को सौंप दिया गया.

अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की जानकारियां उनके पास अकसर आती रहती हैं और वे संबंधित संस्थान या एजेंसी को इसकी जानकारी देते हैं. हमारी टीम को इसकी भी जानकारी मिली थी कि नेट का पेपर बेचा जा रहा है.