अजय नीमा, उज्जैन। महाशिवरात्रि के बाद फाल्गुन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर चंद्र दर्शन के दिन भगवान महाकाल पंच मुखारविंद शृंगार में दर्शन दिये। इस पंच मुखारविंद शृंगार में उन्हें एक साथ पांच मुखारविंद धारण कराया गया।

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर में विराजमान भगवान श्री महाकालेश्वर ने महाशिवरात्रि में 9 दिन अलग-अलग रूपों में दर्शन दिये। वर्ष में एक बार फाल्गुन शुक्ल पक्ष के चंद्र दर्शन पर भगवान श्री महाकालेश्वर जी के पंच मुखारविंद में एक साथ श्री छबिना, श्री उमामहेश, श्री होल्कर, श्री मनमहेश, श्री शिवतांडव स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन दिए।

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उल्लेखनीय है कि महाशिवरात्रि के पश्चात वर्ष में एक बार ही ऐसा अवसर आता है, जब भगवान श्री महाकालेश्वर जी एक साथ पांच रूपों में भक्तों को दर्शन देते है। कहा जाता है कि जो लोग भोलेनाथ के इस स्वरूप का दर्शन करते हैं उन्हें जन्मों जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है।

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