अजय नीमा, उज्जैन। दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर उज्जैन जिले की बड़नगर तहसील के भिड़ावद गांव में एक ऐसी साहसिक और अद्भुत परंपरा निभाई गई, जो लोगों की आस्था और साहस की मिसाल है। यहां सैकड़ों की संख्या में गायों के झुंड को मन्नतधारी ग्रामीणों के ऊपर से दौड़ाकर निकाला गया।
जमीन पर लेटकर मांगी जाती है मन्नत
यह परंपरा गांव में सैकड़ों सालों से चली आ रही है। इस परंपरा में शामिल होने वाले मन्नतधारी ग्रामीण दिवाली से पांच दिन पहले ग्यारस से ही माता भवानी के मंदिर में उपवास रखते हैं और भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं। गोवर्धन पूजा के अंतिम दिन, ये ग्रामीण अपनी मन्नतें पूरी करने की प्रार्थना करते हुए जमीन पर लेट जाते हैं। इसके बाद ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच सैकड़ों गायों का झुंड उनके ऊपर से दौड़ता हुआ निकलता है।
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आशीर्वाद और समृद्धि की है मान्यता
ग्रामीणों की इस परंपरा के पीछे गहरी आस्था है। उनका मानना है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है और उनके पैरों के नीचे लेटने से भगवान का सीधा आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे गांव में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि यह परंपरा सैकड़ों सालों से चल रही है, और ग्रामीणों का दावा है कि इस दौरान आज तक किसी को कोई हानि नहीं हुई है। इसी कारण इस अनोखे दृश्य को देखने के लिए हर साल दूर-दराज के गांवों से भी लोग बड़ी संख्या में भिड़ावद गांव पहुंचते हैं।
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