अजय नीमा, उज्जैन। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश शासन में मंत्री रहे पारस जैन के खिलाफ लोकायुक्त ने एफआईआर दर्ज की है। उनके साथ लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों सहित 8 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पूर्व मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने उज्जैन पांडिया खेड़ी में 15 बीघा जमीन अंगुरबाला के नाम पर खरीदी थी जिसमें गड़बड़ी की गई।
उज्जैन उत्तर के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री पारस जैन ने जमीन के पास नाला दर्शा कर उसके आसपास दीवार बनवा दी वह भी सरकारी राशि से। बताया जा रहा है कि इससे सरकार को 1 करोड़ 52 लाख का नुकसान हुआ है। इसी मामले में उन पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने के भी आरोप हैं।
जांच के दौरान लोकायुक्त ने पीडब्ल्यूडी से कागजात जब्त किए थे। इन दस्तावेजों में ऐसा कोई पत्राचार के कागज नहीं है, जिससे कि यह साबित हो कि पीडब्ल्यूडी ने हल्का पटवारी या तहसीलदार से नाले की भूमि संबंधित दस्तावेजों की मांग की हो।
पीडब्ल्यूडी ने आनलाइन खसरे की नकल को निकालकर दस्तावेजों में भी शामिल नहीं किया है। नाले की जमीन का सत्यापन भी नहीं किया गया। तत्कालीन विधायक पारस जैन ने अपने पद का दुरुपयोग कर शासकीय विधायक निधि की राशि का निजी हित में उपयोग कर 153.72 लाख रुपये का कार्य किए है। जिससे शासन को आर्थिक क्षति हुई है।
इस मामले में पारस जैन और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों सहित 8 के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया गया है। निजी हित में विधायक निधि के करोड़ों रुपए उपयोग करने का आरोप उन पर है। लोकायुक्त निरीक्षक डॉ. बसंत श्रीवास्तव द्वारा की गई मामले की जांच के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13 (1) ए, 13(2) व धारा 420, 120 b के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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