नासिर बेलिम,उज्जैन। विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर में परंपरा अनुसार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन यानी आज बुधवार को दोपहर में भस्म आरती की गई. महाकाल में दिन की भस्मारती साल में केवल एक बार ही होती है. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. आज भस्मारती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. इससे पहले सुबह महाकाल को दुल्हे के रूप में सजाया गया और एक क्विंटल फूलो का सेहरा बांधा गया. भस्म आरती के साथ ही शिवनवरात्रि महोत्सव का समापन हो गया. भस्मारती में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी शामिल हुई.
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यूं तो महाशिवरात्रि का पर्व देश भर में मनाया जाता है, लेकिन बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में इस पर्व की बात ही कुछ खास है. फाल्गुन महीने में राजाधिराज (महाकाल ) के आंगन में विवाह अर्थात महाशिवरात्रि की धूम रहती है. इस अवसर पर शिव नवरात्रि महोत्सव मनाया जाता है. नौ दिनों तक बाबा महाकाल का अलग-अलग रूपों में श्रंगार हुआ. इस श्रंगार का मुख्य उद्देश्य बाबा को दुल्हे के रूप में तैयार करना होता है.
जिस प्रकार शादी से पहले दुल्हे को तैयार किया जाता है, उसी प्रकार की रश्मे बाबा महाकाल के साथ होती है. महाशिवरात्रि के दूसरे दिन आज बाबा महाकाल राजा को दूध, दही, घी से पंचामृत स्नान कराया गया. इसके बाद चन्दन, इत्र और केसर सहित सुगन्धित द्रव्यों से लेपन किया गया. इसके बाद बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई. भस्मी चढ़ाने के बाद बाबा को वस्त्रो से श्रृंगारित किया गया और फिर भस्म आरती की गई.
इस तरह बड़े ही धूमधाम से महाशिवरात्रि का पर्व सम्पन्न हुआ. यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. हाला की नंदी हाल में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंद था. यहां नदी हाल में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती मौजूद रही, वो शिव आराधना में लीन दिखाई दी.
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