अजय नीमा, उज्जैन। मध्य प्रदेश में करप्शन का एक और मामला सामने आया है। उज्जैन में पीएचई की अस्सिटेंट इंजीनियर को लोकायुक्त ने 60 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। महिला अधिकारी ने ठेकेदार से बिल पास करने के एवज घूस मांगी थी। सहायक यंत्री ने रिश्वत की रकम अपनी टेबल की दराज में रख ली थी, इतने में लोकायुक्त टीम ने पहुंचकर उन्हें पकड़ लिया।

बुधवार को उज्जैन में लोकायुक्त ने एक बड़ी कार्रवाई की है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) की सहायक यंत्री को 60 हजार रुपए की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा है। महिला अधिकारी ने पीएचई विभाग के ठेकेदार से 10 लाख रुपए का बिल पास करने के बदले घूस मांगी थी। ठेकेदार ने दो टंकी और नल जल योजना के काम किए हैं। इसका बिल 2020 से अटका है।

लोकायुक्त की कार्रवाईः संकुल का बाबू रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार, इस काम के एवज में मांगी थी घूस

ठेकेदार अक्षय पाटीदार ने बताया कि 2020 में जल जीवन मिशन योजना के तहत घट्टिया तहसील के गांवों में काम का ठेका लिया था। कोरोना की वजह से काम समय सीमा में पूरा नहीं हो सका। 4 महीने की देरी होने पर पीएचई विभाग ने 10 लाख रुपए का बिल रोक रखा था। बिल पास कराने के लिए पीएचई विभाग के गऊघाट दफ्तर में चक्कर काटे। जहां पदस्थ सहायक यंत्री निधि मिश्रा ने अधिकारी के नाम पर 50 हजार रुपए और खुद के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। इसकी शिकायत 1 जुलाई को लोकायुक्त से की।

लोकायुक्त की कार्रवाई: 15 हजार की रिश्वत लेते पटवारी को रंगे हाथ दबोचा, इस एवज में मांगी थी घूस  

लोकायुक्त एसपी ने पहले शिकायत का सत्यापन किया। इसके बाद महिला अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ने के लिए प्लान बनाया। ठेकेदार ने ऑफिस पहुंचकर सहायक यंत्री को 60 हजार रुपए दिए, जिसे उन्होंने टेबल की दराज में रख लिए। इतने में लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक टीम के साथ मौके पर पहुंच गए और रंगे हाथों पकड़ लिया।

इस मामले में डीएसपी पाठक ने बताया कि आरोपी निधि मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। ठेकेदार अधीक्षण यंत्री का नाम भी ले रहा है, लेकिन रिश्वत की मांग के लिए की गई वॉइस रिकॉर्डिंग की जांच की जाएगी। किसी और का नाम आता है तो उस पर भी कार्रवाई करेंगे।

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