राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल की नगरी में होने वाले आगामी सिंहस्थ के लिए नगर निगम अयुक्त और महापौर के वित्तीय अधिकार दोगुने हो जाएंगे। सरकार ने तैयारियों की गति बढ़ाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया है।
बता दें कि उज्जैन में आगामी साल 2028 में सिंहस्थ महाकुंभ होगा। इसी कड़ी में उज्जैन नगर निगम आयुक्त (कमिश्नर), महापौर (मेयर) और एमआईसी के वित्तीय अधिकार दोगुने कर दिए है। बढ़ी हुई शक्तियां 30 मई 2028 तक लागू रहेंगी।
सिंहस्थ से जुड़े कार्यों के लिए शहरी निकायों की सभी वित्तीय शक्तियां मेयर-इन-काउंसिल और प्रेजिडेंट-इन-काउंसिल को सौंपी गईं है। उज्जैन मेयर 10 से 20 करोड़ रुपए तक के सिंहस्थ संबंधित कार्यों को मंजूरी दे पाएंगे। बिना नोटिस किसी भी भवन या परिसर में जाकर निरीक्षण का अधिकार होगा। इसका उद्देश्य नियमों का उल्लंघन, टैक्स वसूली, स्वच्छता और अन्य निरीक्षण कार्य शामिल हैं।

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