हेमंत शर्मा, उज्जैन। उज्जैन तकिया मस्जिद मामले में इंदौर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए दायर रिट पिटीशन को खारिज कर दिया है। यह याचिका उस भूमि को लेकर लगाई गई थी जिस पर पहले तकिया मस्जिद स्थित थी और जिसे शासन ने अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत तोड़ दिया था। याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गई थी कि उसी अधिग्रहित भूमि पर शासन के खर्चे पर दोबारा मस्जिद का निर्माण कराया जाए। 

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सुनवाई के दौरान शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद सोनी ने अदालत के समक्ष मजबूत तर्क रखे। उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण पूरी तरह नियमों के अनुसार किया गया था और प्रशासनिक प्रक्रिया में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं है। हाईकोर्ट ने शासन के तर्कों से सहमति जताते हुए कहा कि नमाज़ किसी भी स्थान पर पढ़ी जा सकती है और इस आधार पर मस्जिद निर्माण की मांग उचित नहीं है। अदालत ने याचिका को निरस्त करते हुए साफ किया कि अधिग्रहण की कार्रवाई विधि अनुसार की गई थी।

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