CG NEWS: वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. बढ़ती महंगाई से ग्रामीण क्षेत्रों में उज्जवला योजना दम तोड़ रही है. वहीं मिट्टीतेल की बढ़ती कीमतों ने गरीबों का चूल्हा जलाना मुश्किल कर दिया है. उज्जवला योजना के तहत आवंटित कनेक्शन में महज 5 से 7 प्रतिशत हितग्राही ही सिलेंडर का रिफलिंग करा रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को गैस, स्टोव पर खाना बनाना छोड़कर लकड़ी से चूल्हा जलाने पर मजबूर हैं.

बता दें कि, पेट्रोल-डीजल, घरेलू गैस सिलेंडर के बाद अब मिट्टी तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हुआ है. मिट्टीतेल की कीमत डीजल के दाम के बराबर हो गई है. जिसकी वजह से जिले में शासन के द्वारा किए गए आवंटित कोटे का उठाव शून्य हो गया है. ग्रामीण और शहर की झुग्गी-झोपड़ी और निचली बस्तियों में रहने वाली महिलाओं को एक बार फिर चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी का इंतजाम करना पड़ रहा है.