देहरादून। उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आई है। UP के बाद अब धामी सरकार भी अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा पुत्रियों के पारिवारिक पेंशन की स्वीकृति देने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि राज्य के राजकीय कर्मचारी, पेंशनभोगियों की अविवाहित, विधवा और तलाकशुदा पुत्री को पारिवारिक पेंशन की स्वीकृति देने जा रही है।

मंत्री का कहना है कि इस व्यवस्था में ऐसी बेटियों को भी रखा जाएगा, जिनका अपने माता-पिता के जीवित रहते हुए ही न्यायालय में तलाक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हो। तलाक माता-पिता के मृत्यु के बाद हुआ हो। उत्तर प्रदेश के बाद ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश में दूसरा राज्य बन जाएगा। सरकार के इस निर्णय से उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण को बल मिलेगा और अपने पिता पर आश्रित महिलाओं को अपना जीवनयापन करने में भी परेशानी नहीं होगी।

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जानकारी के मुताबिक, एक पूर्व खेल अधिकारी की तलाकशुदा बेटी ने इस विषय को सरकार के सामने पेश किया था। उसका कहना था कि उसकी तलाक की प्रक्रिया पिता के जीवित रहते शुरू हुई। जो कि साल 2019 में शुरू हो चुकी थी और कुछ वक्त बाद पिता की मई 2022 में मृत्यु हो हुई और साल 2018 में मां की भी मौत हो गई थी। इस तरह पारिवारिक पेंशन के लिए वास्तविक पात्र वो है।

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