देहरादून. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज “अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025” के उपलक्ष्य में पिथौरागढ़ में आयोजित सहकारिता मेले का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने जनपद की ₹85.14 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. मुख्यमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि जिन योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है, वह पिथौरागढ़ के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होंगी.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सहकारिता की परंपरा भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है. यह एक-दूसरे को परस्पर सहयोग द्वारा स्वावलंबी बनाने का प्रयास है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2025 को “अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष” घोषित किया है, ताकि वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देकर सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके.
इसे भी पढ़ें- दीपावली से अब तक 400 करोड़ की शराब पी गए उत्तराखंडवासी, व्यापारियों की जेब भरी, लोगों के जीवन में नशा घोल सरकार ने भी भरी अपनी तिजोरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में “सहकार से समृद्धि” के स्वप्न को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में एक अलग सहकारिता मंत्रालय के गठन का निर्णय लिया. आज अमित शाह के नेतृत्व में यह मंत्रालय देश में सहकारिता आंदोलन को और अधिक सशक्त बनाने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा तैयार कर रहा है.
उन्होंने कहा कि देश में बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण का कार्य उत्तराखण्ड से प्रारंभ हुआ था और आज प्रदेश की सभी 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूर्ण हो चुका है. राज्य की 24 समितियां जन औषधि केंद्र के रूप में कार्य कर रही हैं, जिनसे ग्रामीण जनता को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां मिल रही हैं. 640 समितियों को कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया गया है.
इसे भी पढ़ें- ‘हमें केवल डेट तय करनी है…’, महेंद्र भट्ट ने धामी कैबिनेट विस्तार को लेकर दिया बड़ा बयान, जानिए क्या कहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत किसानों और स्वयं सहायता समूहों को पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय, मछली पालन और फूलों की खेती जैसे कृषि कार्यों के लिए ₹5 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जा रहा है. सहकारी समितियों के माध्यम से लघु एवं सीमांत किसानों को ₹1 लाख का ब्याजमुक्त फसली ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश के सहकारी बैंकों में ₹16 हजार करोड़ से अधिक की जमापूंजी है, जो इन संस्थाओं के प्रति जनता के बढ़ते भरोसे का प्रमाण है. सहकारी समितियों के माध्यम से महिला उद्यमिता को भी प्रोत्साहन मिल रहा है. प्रदेश की 1 लाख 70 हजार से अधिक बहनों ने “लखपति दीदी” बनकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में नया इतिहास रचा है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें

