देहरादून. उत्तराखण्ड में वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुदृढ़ बनाने और लेखांकन पद्धतियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से वित्तीय साक्षरता पर एक कार्यशाला का आयोजन महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), उत्तराखण्ड कार्यालय द्वारा किया जा रहा है. भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (C&AG) द्वारा राज्य सरकार के लेखों की गुणवत्ता में सुधार के लिए नियमित सेमिनारों और कार्यशालाओं के माध्यम से आहरण एवं संवितरण अधिकारियों (DDOs), कोषागार अधिकारियों तथा बजट प्रभारी अधिकारियों को संवेदनशील और प्रशिक्षित करने पर विशेष बल दिया गया है. राज्य सरकार के समन्वय से आयोजित ये पहल संस्थागत क्षमता निर्माण तथा वित्तीय प्रबंधन के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं.

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इसी क्रम में महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), उत्तराखण्ड कार्यालय द्वाराजयंत सिन्हा, उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सरकारी लेखे) के मार्गदर्शन में यह कार्यशाला 7 नवम्बर, 2025 को प्रातः 10:00 बजे, नैनीताल क्लब, नैनीताल के सम्मेलन कक्ष में आयोजित की जा रही है. यह कार्यशाला मोहम्मद परवेज़ आलम, महालेखाकार, लोकेश दताल, वरिष्ठ उपमहालेखाकार, एस. सी. ममगैंन, उपमहालेखाकार और कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में संपन्न होगी. इस अवसर पर राज्य प्रशासन, पुलिस, वन, न्यायपालिका, लोक निर्माण विभाग तथा नैनीताल जनपद प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी भी सहभागी होंगे. उनकी उपस्थिति विभागों के मध्य समन्वय को सुदृढ़ कर राज्य में वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगी.

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यह कार्यशाला सरकारी अधिकारियों में वित्तीय जागरुकता बढ़ाने, संस्थागत क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करने और लेखा प्रणाली में अधिक सटीकता, पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है. यह पहल उत्तराखण्ड राज्य में सुदृढ़ वित्तीय शासन और राजकोषीय अनुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.