देहरादून. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. कैबिनेट ने 15वें वित्त आयोग के तहत राज्य स्तर पर स्थानीय निकायों में लोक स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न नीतियों को लागू करने, उनका पर्यवेक्षण करने के उद्देश्य से निदेशक, शहरी विकास निदेशालय, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत Public Health PMU का गठन किए जाने की स्वीकृति दी है.

PMU के कार्यों के लिए एक वरिष्ठ चिकित्साधिकारी, एक वित्त नियंत्रक, एक MIS एक्सपर्ट तथा एक सहायक लेखाकार के पदों का सृजन प्रस्तावित है. PMU का मुख्य उद्देश्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यों का पर्यवेक्षण करने, केंद्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य के लिए प्राप्त धनराशि की मॉनिटरिंग, नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित मानव संसाधन उपलब्ध कराने एवं उचित प्रशिक्षण देने, शहरी निकाय के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का पर्यवेक्षण करना है.

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कैबिनेट ने उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली, 2025 में संशोधन करने का निर्णय लिया है. टेंडर की व्यवस्था में बिड सिक्योरिटी के रूप में बैंक गारंटी एवं FDR लेने की व्यवस्था थी. अब इस बिड सिक्योरिटी के लिए भारत सरकार के निर्देशानुसार इंश्योरेंस सिक्योरिटी बॉन्ड को भी लिया जा सकेगा. वित्त विभाग के अंतर्गत उत्तराखण्ड बजट, राजकोषीय नियोजन एवं संसाधन निदेशालय के विभागीय ढांचे में आउटसोर्स के आधार पर वाहन चालक के एक अतिरिक्त पद सृजन को कैबिनेट ने मंजूरी दी है.

कैबिनेट ने उत्तराखण्ड कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग के अंतर्गत सूचना प्रौद्योगिकी विंग के गठन के लिए पद सृजन और कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग के अंतर्गत दो सहायक कंप्यूटर ऑपरेटर एवं दो कंप्यूटर प्रोग्रामर के पद सृजन को मंजूरी दी है. कैबिनेट ने दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक तथा तदर्थ रूप में नियुक्त कार्मिकों का विनियमितीकरण के लिए उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड द्वारा पारित आदेश का अनुपालन करने और भविष्य के लिए कट ऑफ के संबंध में विचार करने के लिए मंत्रिमण्डल की समिति का गठन करने का निर्णय लिया है.

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पिछले दिनों प्रदेश में धराली एवं अन्य क्षेत्रों में आई आपदा से हुए नुकसान के लिए दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाने का मंत्रिमण्डल ने निर्णय लिया है. कैबिनेट ने आपदा में मृतक के परिजनों दी जाने वाली सहायता राशि को 4 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही आपदा से क्षतिग्रस्त पक्के आवासीय मकानों के लिए भी 5 लाख की सहायता राशि देने का निर्णय लिया गया है, जबकि कच्चे मकानों के लिए आपदा मद से निर्धारित सहायता राशि के अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष से 1 लाख की अतिरिक्त धनराशि देने का निर्णय लिया गया. आपदा की उक्त घटनाओं में व्यावसायिक भवनों को हुई क्षति के मामलों में Case to Case पर विचार कर सहायता राशि दिए जाने का भी मंत्रिमण्डल ने निर्णय लिया है.

कैबिनेट ने केन्द्रपोषित बागवानी मिशन योजनान्तर्गत केन्द्रांश के रूप में प्राप्त अनुदान सहायता (40%) की धनराशि का भुगतान, राज्य सेक्टर के अंतर्गत संचालित “मधुग्राम योजना” से किये जाने का निर्णय लिया है. वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में लम्बित धनराशि 29.40 लाख का भुगतान आपूर्तिकर्ता फर्मों को राज्य सेक्टर के अंतर्गत संचालित “मधुग्राम योजना” के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्राविधानित धनराशि से किया जाना प्रस्तावित है.

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उत्तराखण्ड राज्य में निवासरत परिवार पहचान हेतु “देवभूमि परिवार योजना’ को लागू किये जाने के लिए कैबिनेट ने सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की है. इस योजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य में निवासरत परिवारों की पहचान, परिवार ID बनाने के साथ-साथ राज्य में लागू महत्वपूर्ण और जनोपयोगी विभिन्न योजनाओं को लाभार्थी परिवार की ID से एकीकृत करते हुए सीधा और समुचित लाभ प्रदान किया जाना है.

प्रस्तावित “देवभूमि परिवार योजना’ के अन्तर्गत राज्य में निवासरत परिवारों का विस्तृत डेटा बेस तैयार कर, उन्हें विशिष्ट परिवार पहचान संख्या प्रदान किया जाएगा. तदोपरांत चिन्हित परिवारों के लिए लाभार्थी योजना को परिवार की ID से संबद्ध किया जायेगा, जिससे लाभार्थी परिवारों को राजकीय योजनाओं का समुचित लाभ प्राप्त हो सकेगा. उक्त के अतिरिक्त लाभार्थी परिवारों को समस्त योजनाएं एक क्लिक में दिखाई देगी, जिनके लिये लाभार्थी पात्र हैं और यह भी प्रदर्शित होगा कि लाभार्थी कितनी योजनाओं का लाभ उठा चुके हैं तथा कितनी योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जाना शेष है. कैबिनेट में उत्तराखण्ड की पंचम विधान सभा का वर्ष 2025 के ‘विशेष सत्र’ के सत्रावसान की संस्तुति प्रदान की गई.