देहरादून. न्यूनतम आय को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत की प्रतिक्रिया सामने आई है. आशा-आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग और नारों का जिक्र करते हुए अपना समर्थन दिया. साथ ही उनकी मांगों को जायज बताया, जिसे लेकर हरीश रावत ने एक्स पर पोस्ट किया है.

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हरीश रावत ने कहा, कल रात अचानक 3:30 के करीब मेरी नींद खुल गई और मैं यह गुनगुना रहा था 9000 में दम नहीं-24000 से कम नहीं. मुझे आश्चर्य हुआ कि मेरे मन मस्तिष्क में युवा नारा क्यों छा गया ? कल आशा-आंगनवाड़ी की बहनें अपने सचिवालय कूच के दौरान हृदय से, भावपूर्ण तरीके से यह नारा लगा रही थी कि “9000 में दम नहीं-24000 से कम नहीं”.

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आगे हरीश रावत ने कहा, रात सोते वक्त मैंने उनके नारे का आर्थिक विश्लेषण किया तो मुझे लगा कि उनके नारे में आर्थिक रूप से भी पर्याप्त दम है और यह नारा क्रियान्वित किया जा सकता है. फिर मेरे मन में यह भाव उठा कि मेरी भोजन माताएं, आशा-आंगनवाड़ी की बहनें, उनके लिए भी तो कुछ न कुछ आय की गारंटी होनी चाहिए तो मैं उनकी न्यूनतम आय की गारंटी का कैलकुलेशन लगाने में लगा हुआ हूं, देखिए! गणित में कमजोर रहा हूं, लेकिन फिर भी भावनात्मक गणित में कमजोर नहीं हूं जो किसी न किसी सीमा रेखा पर न्यूनतम आय पर मैं अवश्य पहुंचूंगा.