देहरादून. कांग्रेस के दिग्गज नेत और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने हरक सिंह रावत की सहसपुर क्षेत्र में स्थित 101 बीघा जमीन को अटैच कर लिया है. ईडी का आरोप है कि अटैच की गई जमीन उन्होंने अपनी पत्नी और एक करीबी के नाम पर खरीदी थी. जिसकी कीमत 70 करोड़ बताई जा रही है.
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बता दें कि ईडी ने हरक सिंह रावत की जमीन प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) 2002 के तहत अटैच की है. जमीन को बीरेंद्र सिंह कंडारी और नरेंद्र कुमार वालिया द्वारा फर्जी तरीके से पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए बेची गई थी. उसके बाद इस जमीन पर पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के जरिए दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस का निर्माण किया गया है, जिसका संचालन हरक सिंह रावत के बेटे तुषित रावत करते हैं.
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दरअसल, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर हजारों पेड़ों की अवैध कटाई करने की शिकायत की थी. जबकि, 163 पेड़ काटे जाने की अनुमति थी. लेकिन जांच में 6,000 से अधिक पेड़ों की कटाई की बात सामने आई. इतना ही नहीं वन विभाग के अधिकारियों ने बिना अनुमति कई निर्माण कार्य भी कराए. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की समिति ने तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्हें जिम्मेदार ठहराया था.
उसके बाद मामले में दिसंबर 2023 में ईडी जांच शुरू की. फरवरी 2024 में ईडी ने उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली में 17 ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी ने फरवरी 2024 में हरक सिंह रावत, उनके बेटे तुषित रावत, पत्नी दीप्ति रावत और करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की. देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार समेत विभिन्न स्थानों पर हुई छापेमारियों में 1.10 करोड़ रुपये नकद, 80 लाख रुपये का 1.3 किलो सोना, 10 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा और कई दस्तावेज जब्त किए गए.
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