देहरादून. वकीलों की मांग को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत का बयान सामने आया है. हरीश रावत ने कहा, कोर्ट के साथ चैंबर जरूरी, तभी न्याय व्यवस्था पूरी. लगता है जो सरकार को एडवाइज करने वाले लोग हैं, उनकी कुछ समझ गड़बड़ा गई है. जिस पर दशा आए, वही वकील से पंगा लेगा.

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आगे हरीश रावत ने कहा, सम्मानित अधिवक्तागणों की न्यायोचित मांग है कि हमको जो चैंबर खाली करने हैं, जिन्हें हमने बनाये हैं, हम उन्हें खाली करेंगे-आप उन्हें ध्वस्त कर दीजिए. मगर उसकी एवज में हमें ‘नवीन जिला जज परिसर, देहरादून’ में अधिवक्ताओं के चैंबरों के निर्माण हेतु भूमि आवंटन तथा निशुल्क निर्माण.

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हरीश रावत ने ये भी कहा कि दूसरी मांग उनकी बिल्कुल स्पष्ट है, जो हर किसी की समझ में आ जाएगी-कोर्ट के बगल में रैन बसेरे का क्या मतलब? जहां कोर्ट होगी, वहीं तो वकीलों के चैंबर होंगे! आप वकील के पास कोर्ट को शिफ्ट नहीं कर सकते, लेकिन जहाँ कोर्ट है, वहां आपको वकील तो रखना ही पड़ेगा, नहीं तो काम कैसे चलेगा? इसलिये जहां वकील होंगे, वहीं चैंबर्स बनने चाहिए और समुचित चैंबर्स बनने चाहिए.

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