देहरादून. मुख्यमंत्री आवास में आज इगास पर्व बड़े हर्षोल्लास, पारंपरिक आस्था और सांस्कृतिक गौरव के साथ भव्य रूप से मनाया गया. देवभूमि की लोक परंपराओं को समर्पित इस विशेष अवसर पर राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह ( से नि) की उपस्थिति में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इगास हमारी सांस्कृतिक अस्मिता, लोक आस्था और सामूहिक भावना का प्रतीक है.
इस कार्यक्रम के दौरान उत्तराखण्ड के सुप्रसिद्ध लोक कलाकारों, गायकों और विभिन्न क्षेत्रों से आए सांस्कृतिक दलों ने पारंपरिक लोकगीत व लोक-नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी. हारुल, झूमेलो, चांचरी, थड़िया, जागर और अन्य पारंपरिक नृत्य–गायन ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया और पूरा परिसर लोकधुनों की गूंज से सराबोर हो उठा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं भी कलाकारों के बीच उपस्थित होकर उनकी प्रस्तुति का आनंद लिया और उन्हें प्रोत्साहित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि “हमारी लोक संस्कृति और परंपराएं हमारी सबसे बड़ी धरोहर हैं, उन्हें बचाना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हमारा सामूहिक दायित्व है.”
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कार्यक्रम में शामिल सभी आमंत्रित अतिथियों, वरिष्ठ अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, प्रवासी उत्तराखण्डियों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और प्रदेश के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों को मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से शुभकामनाएं दीं और उनसे भेंट की. इगास उत्सव के पारंपरिक क्रम में मुख्यमंत्री ने लोक मान्यताओं के अनुसार परंपरागत रूप से “भेलों” भी खेला. वहां मौजूद बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया. पूरा वातावरण पर्वतीय संस्कृति की खुशियों, लोकगीतों और लोक-नृत्य से भर गया. कार्यक्रम में सभी कलाकारों और प्रतिभागियों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया और कहा कि उत्तराखण्ड सरकार लोक कलाकारों के उत्थान, लोक परंपराओं को बढ़ावा देने और ‘कल्चर बेस्ड रोजगार’ को प्रोत्साहित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इगास लोक पर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि हमारी सामूहिकता, प्रकृति के प्रति आभार और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक है. उन्होंने लोकगीत, ढोल-दमाऊ की थाप और पारंपरिक मांडणे का उल्लेख करते हुए कहा कि जब घर-आंगन में लोक संस्कृति प्रफुल्लित होती है, तो ऐसा लगता है जैसे स्वयं देवभूमि मुस्कुरा रही हो. प्रदेश में प्रवासी उत्तराखण्डियों का सक्रिय योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने खुशी व्यक्त की कि प्रवासी उत्तराखण्डी अब इगास पर अपने पैतृक गांवों का रुख कर रहे हैं. इस अवसर पर उन्होंने विश्वभर में बसे उत्तराखण्डियों से अपील की कि वे भी अपने गांवों और परिवारों के साथ लोक पर्व मनाएं और अपनी जड़ों से जुड़े रहें.
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मुख्यमंत्री ने सभी से आह्वान किया कि हम सब मिलकर न सिर्फ अपनी संस्कृति को समृद्ध करें, बल्कि “विकल्प रहित संकल्प” के साथ उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में योगदान दें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिए गए इस संकल्प–वाक्य को याद करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा” यह केवल घोषणा नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड की इस पवित्र भूमि के उज्ज्वल भविष्य का संकल्प है. प्रधानमंत्री मोदी ने जो विश्वास उत्तराखण्ड पर जताया है, उसे साकार करना हम सभी का दायित्व है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दशक उत्तराखण्ड के समग्र विकास, रोजगार-सृजन, पर्यटन और आध्यात्मिक-पर्यटन विस्तार, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण तथा युवा शक्ति के सशक्तिकरण का दशक होगा. हम सभी को मिलकर ‘विकल्प रहित संकल्प’ की भावना के साथ कार्य करते हुए इस विज़न को धरातल पर उतारना है, ताकि उत्तराखंड विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश–दुनिया में अपने स्थान को और अधिक मजबूत कर सके. मुख्यमंत्री ने अंत में कहा “इस इगास पर संकल्प लें कि न केवल अपने घरों में दीप जलाएं, बल्कि अपने मन में भी अपनी संस्कृति के प्रति गर्व का दीप प्रज्ज्वलित रखें.
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