देहरादून. केंद्र सरकार ने मनरेगा का नाम बदलकर जी राम जी कर दिया है. नाम बदलने के लिए सरकार की ओर से संसद में बिल लाया गया था, जो पास हो गया था. हालांकि, विपक्षी दलों को सांसदों ने जमकर विरोध किया था. जिसको लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की प्रतिक्रिया सामने आई है. यशपाल आर्य ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
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यशपाल आर्य ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, 21 दिसंबर 2004 को, डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने संसद में MGNREGA पेश किया, जो दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी की नींव थी. मनरेगा का मकसद था, पंचायतों का सशक्तिकरण. पहले पंचायतों के पास पैसा जाता था और ग्राम पंचायत परियोजनाओं को तय करती थी, लेकिन अब ये केंद्र सरकार तय करेगी. इसलिए ये सिर्फ नाम का बदलाव नहीं है. मनरेगा का बेसिक कैरेक्टर ही बदल दिया गया है. संविधान से मिले कानूनी हक को खत्म किया गया है.
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आगे यशपाल आर्य ने कहा, यह एक अधिकार-आधारित कानून था, जिसने ग्रामीण भारत को सम्मान, काम और सामाजिक सुरक्षा दी. आज, मोदी सरकार ने MGNREGA को खत्म कर दिया है, जिससे करोड़ों किसानों, मज़दूरों और भूमिहीन ग्रामीण गरीबों की रोजी-रोटी पर हमला हुआ है. लेकिन हम इस हमले का मुकाबला करेंगे और अपने भाइयों और बहनों के साथ मज़बूती से खड़े रहेंगे.
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