ऋषिकेश. उत्तराखंड के AIIMS ऋषिकेश में पहली बार रोबोटिक मेथड से बैरिएट्रिक ऑपरेशन किया गया, जो कि सफल रहा. इस सर्जरी को सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने की. दरअसल, एक 51 वर्षीय महिला मोटापा से परेशान थी, जिसकी सर्जरी की गई है.

बता दें कि मरीज को मोटापा के कारण उच्च रक्तचाप, जोड़ों में दर्द और थायराइड की समस्याएं थी. मरीज का वजन करीब 110 किलो था. उसने पहले एम्स की जनरल मेडिसिन ओपीडी में जांच के लिए आई थी, जहां उसे मोटापे का कारण और स्थिति की गंभीरता का पता चला.

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इसके बाद डॉक्टरों ने गैस्ट्रिक बाईपास ऑपरेशन या रॉक्स-एन-वाई बैरिएट्रिक सर्जरी करने का निर्णय लिया, जो कि करीब 5 घंटे तक चला. सर्जरी सफल रही और इसके बाद मरीज का वजन 10 किलो कम हो गया. मरीज को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है.

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क्या है बेरिएट्रिक सर्जरी?

बेरिएट्रिक सर्जरी में कई तरह की प्रक्रियाएं शामिल होती हैं, जो वजन घटाने में मदद करने के लिए पाचन तंत्र को बदल देती हैं. सबसे कॉमन तरह की सर्जरी गैस्ट्रिक बाईपास, स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी और एडजस्टेबल गैस्ट्रिक बैंडिंग हैं. ये सर्जरी या तो पेट द्वारा होल्ड किए जा सकने वाले भोजन की मात्रा को सीमित करके या पाचन प्रक्रिया को बदलकर काम करती हैं, जिससे न्यूट्रिएंट्स का एब्जॉर्ब्शन कम हो जाता है.

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किन लोगों ने फायदेमंद है सर्जरी?

यह सर्जरी विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है, जो अलग-अलग तरीकों से वजन कम करने की कोशिश करते हैं लेकिन सफलता नहीं पाते. मोटापे के कारण होने वाले स्वास्थ्य जोखिम जैसे कि हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और लिवर की समस्याओं के समाधान में यह सर्जरी कारगर साबित हो सकती है.