देहरादून। उत्तराखण्ड शासन ने राज्याधीन सेवाओं में हड़ताल पर अगले छह माह के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। आज कार्मिक सचिव शैलेश बगौली ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की। जारी अधिसूचना के अनुसार, लोकहित को ध्यान में रखते हुए उ.प्र. अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 (जो उत्तराखण्ड राज्य में लागू है) की धारा 3(1) के तहत यह निर्णय लिया गया है। आदेश जारी होने की तारीख से आगामी छह महीनों तक राज्याधीन सेवाओं में किसी भी तरह की हड़ताल पूरी तरह निषिद्ध रहेगी।

हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना

इस आदेश को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मुझे मालूम पड़ा है कि राज्य सरकार ने अगले 6 माह तक राज्य सरकार के कर्मचारियों और दूसरे ऐसे संगठनों जो किसी न किसी तरीके से राज्य व्यवस्था से जुड़े हुए हैं, उन पर छह माह तक हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश निरंकुश है, अस्वीकार्य है, संविधान विरोधी है, लोकतंत्र विरोधी है।

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लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा हमारी जिम्मेदारी

हरीश रावत ने आगे कहा कि कांग्रेस जन इस आदेश की प्रतियां जगह-जगह फाड़ें और अपनी आवाज इस आदेश के विरुद्ध बुलंद करें। हम कर्मचारियों के अधिकार की रक्षा को राज्य के सर्वोच्च हित में मानते हैं। लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा—हमारी सामूहिक जिम्मेदारी।