रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. जिले में जीएसटी विभाग और शहर कोतवाली पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 10.76 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस मामले में दो मुख्य आरोपियों, योगेश गर्ग और संजय ठाकुर, को गिरफ्तार किया गया है. दोनों गाजियाबाद जनपद के निवासी हैं और एक संगठित गिरोह के हिस्से के रूप में फर्जी कंपनी बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग और जीएसटी चोरी में लिप्त थे. पुलिस और जीएसटी विभाग की जांच से इस फर्जीवाड़े के कई चौंकाने वाले पहलू सामने आए हैं, जिसमें जीएसटी विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता और एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है.

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बता दें कि जांच में पता चला कि आरोपियों ने “राजधानी इंटरप्राइजेज” नाम से एक फर्जी कंपनी बनाई थी, जिसका इस्तेमाल जीएसटी चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा था. इस कंपनी के माध्यम से फर्जी बिलिंग, जाली दस्तावेज, और बोगस लेनदेन दिखाकर सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया गया. गिरोह ने फर्जी इनवॉइस बनाकर कागजों पर करोड़ों रुपये का लेन-देन दिखाया, जबकि वास्तव में कोई वस्तु या सेवा का आदान-प्रदान नहीं हुआ. इस तरह की हेराफेरी से न केवल जीएसटी की चोरी की गई, बल्कि अवैध धन को वैध दिखाने की प्रक्रिया भी चल रही थी. पुलिस के अनुसार, यह गिरोह अत्यंत सुनियोजित तरीके से काम करता था और इसके तार कई अन्य शहरों से भी जुड़े हो सकते हैं.

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इस फर्जीवाड़े में जीएसटी विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता ने मामले को और गंभीर बना दिया है. जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर मनीष कुमार और असिस्टेंट कमिश्नर रितेश कुमार बरनवार को इस मामले में संदिग्ध पाए जाने के बाद निलंबित कर दिया गया है. जांच में इन अधिकारियों पर फर्जी कंपनियों को संरक्षण देने और नियमों की अनदेखी करने के आरोप लगे हैं.

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पुलिस का कहना है कि योगेश गर्ग और संजय ठाकुर इस फर्जीवाड़े के केवल एक हिस्सा हैं. यह एक बड़े संगठित गिरोह का काम है, जिसमें कई अन्य लोग भी शामिल हैं. गिरोह के सदस्य फर्जी कंपनियां बनाकर, जाली दस्तावेज तैयार करके और फर्जी बिलिंग के जरिए जीएसटी चोरी करते थे. इस तरह की गतिविधियां सरकारी राजस्व पर खुलेआम डाका डाल रही थीं. पुलिस ने संकेत दिए हैं कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. जांच एजेंसियां इस नेटवर्क के पीछे मास्टरमाइंड और अन्य संदिग्धों तक पहुंचने के लिए गहन जांच कर रही हैं.

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शहर कोतवाली पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह ने रायबरेली के अलावा अन्य जिलों में भी इसी तरह की गतिविधियां चलाई हो सकती हैं. जीएसटी विभाग ने फर्जी कंपनी के दस्तावेजों और लेन-देन के रिकॉर्ड को जब्त कर लिया है और इनकी गहन जांच की जा रही है. इसके साथ ही, पुलिस और जीएसटी विभाग मिलकर इस मामले में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने और इस रैकेट के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की कोशिश में जुटे हैं.