हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार एसडीएम कोर्ट ने घर से मां-बाप को को बेघर करने देने वाले बेटों के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया है। जिसमें कोर्ट ने कहा कि ऐसे बेटों को संपत्ति से बेदखल कर दिया जाए और पुलिस ऐसे मामलों को लेकर सख्त कदम उठाए। इसके अलावा माता-पिता के अंतिम आदेश को ही मंजूरी दी जाए।

माता-पिता ने लगाई थी न्याय की गुहार

एसडीएम जितेंद्र कुमार ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने पाया कि ऐसे कई मामले हैं। जिसमें बेटों ने अपने बूढ़े माता-पिता को भोजन-पानी से वंचित कर दिया। साथ ही कई बेटों ने बूढ़े दंपति को घर से बाहर कर दिया। इन मामलों के खिलाफ कई माता-पिता ने एसडीएम की अदालत में न्याय की गुहार लगाई गई।

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अदालत में कई माता-पिता ने कहा कि पूरी जीवन कड़ी मेहनत करते ये संपत्ति बनाई है लेकिन उनके बेटें उनका अहसान मानने के बजाय उनको ही घर से बेदखल कर दिया। वहीं कुछ माता-पिता ने बताया कि उनके बेटे लगातार संपत्ति अपने नाम करवाने के उन पर प्रेशर डाल रहे है और विरोध करने पर भोजन-पानी बंद कर दे रहे हैं।

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अदालत ने इस सारे मामले को गंभीरता से सुना और कहा कि ऐसे बेटों को तुरंत माता-पिता की संपत्ति से बेदखल कर दिया जाए। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि ऐसे मामलों में ठोस कदम उठाते हुए कार्रवाई की जाए। इसको लेकर सरकार ने सख्त कानून बनाए हैं। साथ ही माता-पिता को भी अधिकार दिया गया है कि वह खुद फैसला करे कि उनकी मेहनत की कमाई का हकदार कौन होगा।