लंदन। तेजी से फैलने वाला ओमिक्रॉन वैरिएंट ‘वही बीमारी नहीं है, जो हम एक साल पहले देख रहे थे’। इसके अलावा ब्रिटेन में उच्च कोविड मृत्यु दर ‘अब इतिहास’ बन चुका है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर (मेडिसिन) जॉन बेल ने यह दावा किया है।
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, बेल, जो सरकार के जीवन विज्ञान सलाहकार भी हैं, उन्होंने कहा कि हालांकि हाल के हफ्तों में अस्पताल में भर्ती होने वाले मामलों में वृद्धि हुई है, क्योंकि ओमिक्रॉन बड़ी आबादी में फैलता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि यह रोग ‘कम गंभीर प्रतीत होता है और कई लोग अस्पताल में अपेक्षाकृत कम समय बिताते हैं’।
उन्होंने कहा कि इसमें कम रोगियों को उच्च प्रवाह वाली (हाई-फ्लो) ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और ठहरने (अस्पताल में) की औसत अवधि तीन दिनों तक कम हो जाती है।
बेल ने बीबीसी को बताया, “एक साल पहले हमने जो भयानक दृश्य देखे थे, उनमें गहन देखभाल इकाइयां (आईसीयू) भरी हुई थीं, बहुत से लोग समय से पहले मर रहे थे, जो अब इतिहास बन चुका है और मुझे लगता है कि हमें आश्वस्त होना चाहिए कि यह जारी रहने की संभावना है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि कई वैज्ञानिकों ने नए साल की पूर्व संध्या से पहले इंग्लैंड में आगे कोविड प्रतिबंध नहीं लगाने के सरकार के फैसले की आलोचना की है और कुछ ने तो इसे ‘वैज्ञानिक सलाह और कानून के बीच सबसे बड़ा फासला’ बताया है।
उन्होंने यह कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट बेशक से हल्का प्रतीत हो रहा है, मगर साथ ही यह चिंताजनक भी है, क्योंकि यह अत्यधिक तेजी से फैलता है, जिसका अर्थ है कि अस्पताल में मरीजों की संख्या और मौतें बिना किसी हस्तक्षेप के तेजी से बढ़ सकती हैं।
एनएचएस प्रोवाइडर्स के मुख्य कार्यकारी क्रिस होप्सन ने कहा है कि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि जब वृद्ध लोगों में संक्रमण की दर बढ़ने लगेगी तो क्या होगा।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, होप्सन ने कहा, “क्रिसमस पर हमारे बीच बहुत अधिक इंटरजनरेशनल मिश्रण रहा है, इसलिए हम सभी अभी भी यह देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि क्या हम गंभीर ओमिक्रॉन से संबंधित बीमारी के साथ अस्पताल में आने वाले रोगियों की संख्या के मामले में महत्वपूर्ण रूप से संख्या में वृद्धि देखने जा रहे हैं?”