सुप्रिया पांडेय, रायपुर. यूक्रेन के खारकीव में छत्तीसगढ़ के कई छात्र फंसे हुए हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ के 2 छात्रों ने आरोप लगाया है कि, उन्हें इंडियन एंबेंसी से ठीक से मदद नहीं मिल रही है. छात्रों को मदद के नाम पर केवल सलाह ही मिल रही है, जिसके कारण छात्र मीलों पैदल चलने और गला देने वाली ठंड में रात बिताने पर मजबूर हैं.

बता दें कि, रायपुर के एक छात्र हैं, जिनका नाम अक्षत राज है. दूसरे छात्र का नाम रोहन है, जो बिलासपुर के रहने वाले हैं. रायपुर स्थित अक्षत की मां बताती हैं कि, छत्तीसगढ़ के दो छात्र भी यूक्रेन के खारकीव में फंसे थे, जहां से उनसे इंडियन एंबेसी ने संपर्क किया और छात्रों को रेलवे स्टेशन तक जाने की सलाह दी. छात्र जब रेलवे स्टेशन पहुंचे तो उन्हे वहां से दूर जाने की सलाह दी गई. छात्र रात भर चलते रहे और 5 डिग्री सेल्सीयस की ठंड में रात गुजारी.

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आगे अक्षत राज की मां ने बताया कि, अक्षत से आखरी बार रात में बात हुई थी. अक्षत कहते हैं कि, खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, जहां वे पढ़ाई करते थे उस जगह को भी ब्लॉस्ट कर दिया गया. छात्रों ने जब इंडियन एंबेंसी से संपर्क किया तो उन्होंने रेलवे स्टेशन तक पैदल आने कहा, लेकिन रेलवे स्टेशन पर भारतीय छात्रों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. वे पूछते थे कि आप भारतीय हैं और बताने पर कहते थे कि, आप अगली ट्रेन का इंतजार कीजिए. ऐसा करते-करते स्टेशन से आखरी ट्रेन भी निकल गई और छात्र यूक्रेन में ही रह गए.

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वहीं एंबेसी ने छात्रों से संपर्क कर कहा कि, वे स्टेशन से दूर जाएं, क्योंकि वहां पर भी ब्लॉस्ट होने की संभावना है. वर्तमान में छात्र पिसोचिन में फंसे हुए हैं. वहां बच्चों के पास न तो खाने की सामाग्री है ना ही पीने के लिए पानी. इंडियन एंबेंसी द्वारा अभी कोई दिशा निर्देश भी नहीं दिए जा रहे है.