नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. रानी पद्मावती के किरदार से छेड़छाड़ के आरोप में देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है वहीं अब मुस्लिम संगठन तंजीम-उलेमा-ए-हिंद भी इस विवाद में कूद पड़ी है. तंजीम के प्रसिडेंट नदीम-उल-वजदी ने भंसाली पर फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी की छवि खराब करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि फिल्म में खिलजी को गलत तरीके से दिखाया गया है और मुसलमानों को इसका विरोध करना पड़ा.
वजदी का कहना है कि पद्मावती का किरदार सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के मौत के 250 साल बाद का है. उन्होंने कहा कि राजपूतों को नहीं बल्कि मुसलमानों को इस फिल्म का विरोध करना चाहिए.
आपको बता दें कि पद्मावती की शूटिंग के साथ ही विवादों की शुरुआत हुई. करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने शूटिंग के दौरान फिल्म की यूनिट पर हमला कर दिया था और डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की पिटाई कर दी थी. कुछ महीने बाद शूटिंग के दौरान ही फिल्म का सेट जला दिया गया था. करणी सेना सहित सभी राजपूत संगठनों का आरोप है कि भंसाली ने फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की है और तथ्यों को तोड़-मरोड़कर दिखाया है.