गौरव जैन, गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन के नजदीक नवनिर्मित अंडर ब्रिज में बदहाली के मंजर दिखाई दे रहे हैं. 3 करोड़ की लागत से बना ब्रिज उद्धघाटन के 18 महीने में समस्या बनकर उभर गया है. लगातार जलभराव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि बिलासपुर कटनी रेलवे मार्ग में पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन से मालगाड़ियों और पैसेंजर ट्रेनों के भारी यातायात के चलते इस अंडर ब्रिज का निर्माण रेलवे ने कराया था.

जनसुविधा को देखते ही इसे निर्माण के के बाद आवागमन के लिए खोल दिया गया था, लेकिन इस ब्रिज में से जल निकासी के लिए लगाया ड्रेनेज सिस्टम अपनी पूर्ण क्षमता के साथ आज भी कार्य नहीं कर रहा है. ड्रेनेज सिस्टम में बनी नालियां पूरी तरह से जाम हैं.

साथ ही ब्रिज की छत से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है. इस ब्रिज का इस्तेमाल सबसे ज्यादा छोटे वाहन जैसे कार, मोटर साइकिल, साइकिल और पैदल चलने वाले ही इस्तेमाल करते हैं. ब्रिज में भरे पानी के कारण राहगीरों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पूर्व में पेंड्रारोड स्टेशन के और साथ ही बिलासपुर मंडल के उच्चाधिकारियों को संदर्भ में नगर वासियों द्वारा शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अभी तक किसी प्रकार से बिगड़ी व्यवस्था को दुरुस्त करने कोई पहल नहीं की जा सकी है. रेलवे ने बताया कि उनके द्वारा बनाए गए अंडर ब्रिज में किसी भी प्रकार की तकनीकी त्रुटि नहीं है. रेलवे ने अपना कार्य पूर्ण कर नगर पंचायत गौरेला को इसे हैंड ओवर कर दिया है.

साल के अधिकांश समय इस ब्रिज में पानी भरा रहता है, जो की आवगमन में बहुत बड़ी बाधा है. आम नागरिकों का कहना है कि एक तरफ रेलवे उनकी शिकायत को गंभीरता पूर्वक नहीं ले रहा, वहीं दूसरी तरफ नगर पंचायत गौरेला भी इसकी सफाई करने में लापरवाही बरत रहा है.

रेलवे और नगर पंचायत गौरेला के गैरजिम्मेदाराना रवैये की वजह से आम नागरिकों को तकलीफें हो रही हैं. न जाने कब निजात मिलेगी. जिला प्रशासन से इस मामले में किसी ठोस पहल का इंतजार है.

Also Read – VIDEO: सास ने बहू के सरपंच बनने के लिए मांगी थी मन्नत, जीती तो दंडवत कर पहुंची खेरमाई माता के मंदिर, रंग-गुलाल से होली खेलकर जमकर डांस भी किया