प्रमोद कुमार / कैमूर। कैमूर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां भभुआ मंडल कारा में बंद एक विचाराधीन कैदी की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। यह घटना जिले के प्रशासनिक अमले को झकझोर कर रख देने वाली है।
छह माह से था जेल में बंद
मृतक की पहचान नक्शे अली के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का निवासी था। वह छह महीने पहले भारी मात्रा में कफ सिरप की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार हुआ था और तब से भभुआ मंडल कारा में बंद था।
अस्पताल पहुंचने से पहले हो गई मौत
जेल प्रशासन के अनुसार, सोमवार को नक्शे अली ने जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गंभीर हालत में उसे तुरंत भभुआ सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने बताया कि अस्पताल लाने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगी स्पष्ट
भभुआ के डीएसपी शिव शंकर कुमार ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि भभुआ मंडल कारा में एक कैदी की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि मौत की असली वजह का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
अधिवक्ता संघ का गंभीर आरोप
भभुआ सिविल कोर्ट के जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव मंटू पांडेय ने इस घटना को गंभीर मानते हुए कहा कि यह जांच का विषय है कि नक्शे अली ने आत्महत्या की या उसकी हत्या की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि मंडल कारा के 12 वार्डों में कैदियों को जेल प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किया जाता है और उनसे जबरन पैसे की उगाही की जाती है।
जांच के घेरे में जेल की सुरक्षा और जवाबदेही
मंटू पांडेय ने सवाल उठाया कि अगर कैदी ने आत्महत्या की, तो रस्सी जेल में कैसे आई? और अगर हत्या की गई तो इसके पीछे कौन जिम्मेदार है? उन्होंने इसे बड़ा मामला बताया और निष्पक्ष जांच की मांग की।
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