रायपुर. केंद्र सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मान लिया है कि दलित समुदाय सरकार से नाराज़ है. मोदी ने आज के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीजेपी सांसदों, विधायकों से फोन पर बात की. इस बातचीत में दलितों की बीजेपी से नाराज़गी मुख्य मुद्दा रही. मोदी ने फोन करके समझाया कि दलितों की नाराज़गी को दूर करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं.

बीजेपी के कई दलित सांसद अपनी ही सरकार से इस मसले पर नाराज़ हैं. कुछ दिन पहले ऐसी ख़बरें आई थीं कि आरएसएस ने देश में बीजेपी के प्रति दलितों की नाराज़गी के प्रति आगाह किया था. माना जा रहा है कि उसी के मद्देनज़र ज़मीनी स्तर पर अपनी चिंता मोदी ने पहुंचाई है. मोदी ने जिन नेताओं से बात की उनमें केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ दलितों के बीच संगठन की स्वीकार्यता बढ़ाने के प्रयासों पर चर्चा की. मोदी ने बीजेपी के जनप्रतिनिधियों को दलितों से जुड़ने को कहा है. जिसमें उनके बीच उठने-बैठने के अलावा दलितों के प्रतीकों के साथ जुड़ने का संदेश है.

मोदी ने जनप्रतिनिधियों से कहा कि एक हजार की आबादी वाले दलितों के गांव में जाकर जनप्रतिनिधि रात में रूके. उनका दुख दर्द देखें, उसे समझे. इससे पहले ये काम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लगातार कर रहे हैं. जिन राज्यों में चुनाव हैं वहां वे दलितों के यहां खाना खा रहे हैं. इसे बीजेपी नेतृत्व ने फैलान का फैसला किया है.  मोदी ने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान के तहत ही वे 24 अप्रैल को जबलपुर के दौरे पर रहेंगे. मोदी ने कहा कि दलितों के बीच जाकर उन्हें केंद्र सरकार की जनहित की योजनाओं की जानकारी दें. उनकी नाराजगी को दूर करने की कोशिश करें. योजनाओं का फीडबैक लें.

उन्होंने कहा कि इस वक्त दलितों के पूजनीय नेताओं की जयंती है. जिसमें बीजेपी के नेता खासतौर से भाग लें. 11 अप्रैल को छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती है. उसके बाद 14 अप्रैल को बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती है. मोदी ने विधायकों और सांसदों से कहा कि 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर के जन्मतिथि के दिन देश में ग्राम स्वराज अभियान चलाया जाएगा. इसमें एनडीए के सभी घटक दल हमारा साथ दे रहे हैं.