रायपुर बिलासपुर.  हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त 3 कोर्ट कमिश्नर की समिति ने आज रायपुर और बिलासपुर नगर पालिका निगम की पेयजल समस्या की रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया. इस रिपोर्ट में समिति ने बताया कि रायपुर में पब्लिक नलों से लिए गए 4 में से 2 सैंपल में ई कोली e-coli नामक बैक्टीरिया अगणनीय संख्या में मिले. बिलासपुर में 5 में से 1 सैंपल में ई कोली बैक्टीरिया मिला.

गौरतलब है कि ई कोली बैक्टीरिया जानलेवा साबित होने वाला बैक्टीरिया होता है जो कि मल तथा सीवरेज की गंदगी, पीने के पानी के साथ मिलने के कारण पनपता है.

रायपुर और बिलासपुर दोनों जगह के पानी में क्लोरीन की मात्रा शून्य पाई गई जो यह इंगित करती है कि पानी शुद्धिकरण संयंत्र में पानी का क्लोरीनेशन ठीक नहीं हो रहा है. सभी सैंपल की जांच एनएबीएल द्वारा अनुमोदित जांच एजेंसी से करवाई गई.

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में रायपुर निवासी मुकेश कुमार देवांगन ने पत्नी की मृत्यु पीलिया से होने उपरांत जनहित याचिका दायर की थी. जिसकी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधिवक्ता मनोज परांजपे, अमृतो दास और सौरभ डांगी की कमेटी बनाकर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया गया था.  समिति को रायपुर और बिलासपुर में पानी से होने वाली बीमारी और उसके कारण की रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था. कोर्ट कमिश्नर रायपुर और बिलासपुर की रिपोर्ट प्रस्तुत की.

क्या है रायपुर की रिपोर्ट में 

भाटागांव में पंप के पास गंदे नाले का पानी खारून नदी पर बने उस पानी से मिलता है जो कि शुद्धिकरण संयंत्र पर लाया जाता है. गंदा पानी मिलने से बीमारी फैलने की आशंका ज्यादा रहती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि रायपुर में ही खारून नदी में ऐसे 17 गंदे पानी के नाले मिल रहे हैं.

रिपोर्ट में बताया गया कि रावतभाटा स्थित शुद्धिकरण प्लांट में पानी के सैंपल की जांच हेतु सिर्फ दो केमिस्ट हैं तथा जो 2 सहायक केमिस्ट हैं उनके पास कोई तकनीकी डिग्री नहीं है प्लांट में स्टाफ 5 बजे तक ही रहता है. बाद में निजी प्लेसमेंट के कर्मचारी सैंपल की जांच करते हैं और निजी प्लेसमेंट के कर्मचारियों की भी कमी है.

रिपोर्ट में बताया गया कि रायपुर शहर में पीने के पानी की लाइन कई जगह गंदे पानी की नालियों  से होकर जाती है जो पानी दूषित होने का मुख्य कारण है.

शहर में कई स्थानों पर सड़क के अंदर बने गंदे पानी के नालों से मुख्य पाइपलाइन जाती है. जो जरा सा भी लीकेज होने  से महामारी की वजह हो सकती है. आजाद चौक पुलिस थाने के सामने स्थित ऐसे एक नाले में गुजरने वाले मुख्य पाइप लाइन की फोटो भी कोर्ट में प्रस्तुत की गई

समिति ने कोर्ट को बताया कि रायपुर नगर पालिक निगम के अधिकारियों ने चाहे गए दस्तावेज व जानकारियां समिति को उपलब्ध नहीं कराई.

इंटेकवेल तथा शुद्धिकरण संयंत्र में सुरक्षा व्यवस्था की कमी पाई गई.

 

क्या है बिलासपुर की रिपोर्ट में

समिति के सदस्यों ने बिलासपुर का दौरा 23 अक्टूबर को किया. समिति ने पाया कि बिलासपुर शहर में बोर के पानी से जल आपूर्ति की जाती है. इसके लिए मंगला स्थित संयंत्र और पीएचई के संयंत्र से सप्लाई होती है. समिति ने पाया कि पीएचई विभाग में केमिस्ट का सिर्फ एक पद है, वह भी खाली पड़ा हुआ है. लैब असिस्टेंट का सिर्फ एक पद है और सैंपल कलेक्ट करने के लिए कोई भी नहीं है.

समिति ने पाया कि पीएचई की प्रयोगशाला में कई उपकरण कार्य ही नहीं कर रहे थे और प्रयोगशाला कई दिनों से खुली ही नहीं थी. जांच के दौरान पाया गया की 23 अक्टूबर के दौरे के पूर्व सैंपल की जांच 10 अक्टूबर को की गई थी अर्थात 13 दिनों में पानी के सैंपल की कोई जांच नहीं की गई. नगर निगम की प्रयोगशाला में जो पदस्थ हैं उनमें से अधिकांश स्कूलों में कार्य कर रहे हैं.

बिलासपुर में भी पानी की सप्लाई लाइन नालियों से होकर घरों में पहुंचती है. समिति को अधिकारियों ने बताया कि अंडरग्राउंड सीवरेज कार्य चलने से कई जगह पर लीकेज की समस्या आ रही है.

समिति ने रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया है कि इस वर्ष पानी कम गिरने के कारण वाटर लेवल नीचे चला गया है पानी सप्लाई की कठिनाई हो सकती है.

समिति ने अपने अध्ययन के आधार पर कुछ सुझाव भी पेश किए हैं.

समिति ने विशेष रूप से  पानी के सैंपलों की जांच  एनएबीएल द्वारा अनुमोदित  प्रयोगशाला से ही कराने को कहा है.

पानी शुद्धिकरण संयंत्रों की लैब में सीसीटीवी कैमरा लगाकर जांच करने की कार्यवाही की निगरानी करने को कहा है. पानी संयंत्रों में विशेष सुरक्षा गार्ड नियुक्त करने का भी सुझाव दिया.

पीने की जो पाइपलाइन नालियों से जा रही है उन्हें तथा नालों से गुजरने वाली मुख्य पानी की लाइन को ऊपर उठाकर सुधार कार्य शीघ्र ही करने का सुझाव दिया. रायपुर में  सभी एनीकेट पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट यथाशीघ्र स्थापित  करने को कहा. रायपुर में पुरानी बनी अंडरग्राउंड सीवरेज लाइन को चालू करने  काफी सुझाव दिया.

कोर्ट ने इन सुझावों पर एक्शन टेकन रिपोर्ट अगले 15 दिनों में प्रस्तुत करने के लिए दोनों निगमों को आदेशित किया है.