नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के नगर निकायों को मिलाकर नया एकीकृत दिल्ली नगर निगम (यूनिफाइड एमसीडी) रविवार को प्रभाव में आ गया. नवनियुक्त विशेष अधिकारी और आयुक्त ने भी तत्काल प्रभाव से पद ग्रहण कर लिया है.

19 मई को केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीन नगर निकायों के विलय के लिए एक अधिसूचना जारी की थी, क्योंकि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल 18 मई को समाप्त हो गया. जबकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी डीएमसी ने क्रमश: 19 और 22 मई को कार्यकाल पूरा कर लिया है.

गृह मंत्रालय ने की थी आयुक्त की नियुक्ति

20 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एकीकृत दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी और आयुक्त की नियुक्ति की. गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को आईएएस अधिकारी अश्विनी कुमार को एकीकृत दिल्ली नगर निगम का विशेष अधिकारी और आयुक्त नियुक्त किया.

आदेश के अनुसार वह 22 मई से अगले आदेश तक एमसीडी के कामकाज की निगरानी के लिए विशेष अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे. मंत्रालय ने एजीएमयूटी कैडर के 1998 बैच के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश भारती को भी नियुक्त किया है.

18 अप्रैल को राष्ट्रपति ने दी थी मंजूरी

बता दें कि, लोकसभा ने 30 मार्च और राज्यसभा ने 5 अप्रैल को दिल्ली के तीनों नगर निगमों के विलय के बिल पास किया था. वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 18 अप्रैल को इसे अपनी मंजूरी दी थी. इस बिल के प्रावधानों के अनुसार, दिल्ली के तीन नगर निगमों के एकीकरण का उद्देश्य संसाधनों का अधिकतम उपयोग, समन्वय और रणनीतिक योजना सुनिश्चित करना है.

250 से ज्यादा नहीं होगी सीटें

इस कानून में कहा गया है कि निगम में पार्षदों की कुल संख्या और अनुसूचित जाति समुदायों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या का निर्धारण निगम के गठन के समय केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा. साथ ही सीटों की संख्या 250 से ज्यादा नहीं होगी.

बिल में ये भी कहा गया है कि निगम की स्थापना के बाद हर जनगणना के पूरा होने पर सीटों की संख्या उस जनगणना में निर्धारित दिल्ली की जनसंख्या के आधार पर होगी. इसका निर्धारण भी केंद्र से ही होगा.

ज्ञात हो कि साल 2011 में दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में विभाजित किया गया था. अब 11 साल बाद तीनों का विलय हो गया है.

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