डिजिटल एग्रीकल्चर (Digital Agriculture) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है. इसी क्रम में केंद्र सरकार ने बेहतर और सटीक बुआई डेटा इकट्ठा करने के लिए इस खरीफ सीजन से पायलट आधार पर 12 राज्यों में डिजिटल क्रॉप सर्वे शुरू किया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में एक ल‍िख‍ित उत्‍तर में बताया क‍ि सरकार ने खरीफ-2023 से 12 राज्यों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है. कृष‍ि मंत्री ने बताया क‍ि डीसीएस के ल‍िए पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर चुने गए 12 राज्य मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, ओडिशा, असम और तेलंगाना हैं.

तोमर ने बताया क‍ि इस योजना का मकसद बोई गई फसल के आंकड़ों के बारे में सही जानकारी इकट्ठा करना है. इससे फसल के सही क्षेत्र का आकलन क‍िया जा सकेगा. इसके अलावा व‍िभ‍िन्‍न किसान केंद्र‍ित समाधानों के विकास के लिए भी यह उपयोगी है. इसका मकसद अलग-अलग कृषि गतिविधियों के लिए डाटा प्रदान करना है. जैसे कि खेती के दौरान कुल क्षेत्र का आकलन करना. इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं और बीमारी के हमलों से नुकसान और देशभर में कृषि-मौसम सेवाओं का आकलन करना.

कृषि मंत्री ने कहा कि परियोजना का उद्देश्य बोई गई फसल डेटा के बारे में सच्चाई का एक एकल और वेरिफ़ाई सोर्स बनाना है यानी किस खेत में कौन सी फसल कितनी लगाई गई है उसका इकलौता सोर्स बनाना है. वहीं, यह वेरिफ़ाई सोर्स सटीक फसल क्षेत्र के आकलन और विभिन्न किसान केंद्रित समाधानों के विकास के लिए उपयोगी साबित होगा. गौरतलब है कि रिकॉर्ड उत्पादन के अनुमान के बावजूद देश को गेहूं और चावल की सप्लाई की कमी का सामना करने के मद्देनजर केंद्रीय कृषि मंत्री का यह बयान महत्वपूर्ण है.

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