रायपुर। केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छत्तीसगढ़ सरकार को लंबित मुद्दे को लेकर चिट्ठी लिखा है. उन्होंने अंबिकापुर हवाई अड्डा, बिलासपुर हवाई अड्डा, रायपुर हवाई अड्डा, रायगढ़ हवाई अड्डा को लेकर खत लिखा है. इसी चिट्ठी को लेकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश बघेल की सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के छोटे शहरों को हवाई सुविधा से वंचित कर रही है.

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के हठधर्मिता व आर्थिक बदहाली के चलते छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, रायगढ, अम्बिकापुर, जगदलपुर जैसे शहर की जनता विमान सेवा से वंचित है. वहीं रायपुर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से वंचित हो रहा है. विमानतल एवं विमान सेवाओं का विस्तार नहीं हो पा रहा है. उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता को उत्कृष्ट विमान सेवाओं से वंचित रखने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिम्मेदार ठहराया है.

अग्रवाल ने आज केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि रायपुर हवाई अड्डे पर रनवे, पार्किंग और डॉप्लर के विस्तार के लिए अति उच्च आवृत्ति ओमनी रेंज (डीवीओआर) के लिए जो जमीन चाहिए उसमें 24.16 एकड़ शेष भूमि की कमी के कारण एएआई रनवे के विस्तारित हिस्से का संचालन नही हो पा रहा है. 2018 में बनकर तैयार हुआ रनवे का पूर्ण संचालन अभी नहीं हो पा रहा है. वहीं उस क्षेत्र में संचालनात्मक चारदीवारी का निर्माण भी नहीं कर सका है.

अग्रवाल ने कहा कि सरकार के बीच हुए एक समझौता ज्ञापन के अनुसार छत्तीसगढ़ और एएआई के 23 जुलाई 2013 को रायगढ हवाई अड्डे को प्रथम चरण में एटीआर 72 क्यू 400 प्रकार के विमान संचालन के लिए और बाद में दूसरे चरण में ए 320 प्रकार के विमानों के लिए विकसित किया जाना है. राज्य सरकार को अभी तक मौजूदा हवाई अड्डे को सौंपना बाकी है, जिसमें 23 एकड़ भूमि के साथ अतिरिक्त 569 एकड़ भूमि भी है जो विकास के लिए सभी बाधाओं से मुक्त है. पर राज्य सरकार जमीन उपलब्ध नहीं करा रही है.

अग्रवाल ने कहा कि बिलासपुर हवाई अड्डे के लिए भूमि को 2010 में एएआई के नाम पर उतपरिवर्तित किया गया था, लेकिन राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2011 में रद्द कर दिया गया था. 2017 में यह निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार बिलासपुर में एएआई के पक्ष में भूमि बहाल करेगी, परन्तु राज्य सरकार ने एएआई के पक्ष में हवाई अड्डे की भूमि की बहाली की प्रक्रिया अभी भी लंबित रखी है.

अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अंबिकापुर हवाई अड्डे को कोर्ट 3 सी संचालन के लिए जल्द से जल्द अपग्रेड कर सकती है. आरसीएस उड़ान संचालन के लिए अंबिकापुर हवाई अड्डे के पुनरुद्धार विकास के लिए भी 90 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. डीजीसीए ने अंबिकापुर हवाई अड्डे को लेकर सरकार को कुछ सुझाव भी दिए हैं किंतु सरकार उस सुझाव पर समय पर अमल नहीं कर रही है, जिसके चलते अंबिकापुर हवाई अड्डे से नियमित विमान परिचालन का काम प्रारंभ नहीं हो पा रहा है.

अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हवाई सेवा के विस्तार को लेकर भूपेश बघेल की सरकार पूरी तरह फिसड्डी व असफल साबित हो रही है.  अग्रवाल ने कहा कि 31 जनवरी 2022 तक उड़ानों के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग वीजीएफ का 20% हिस्सा 2 करोड़ 53 लाख रुपए राज्य सरकार की ओर से बकाया है. राज्य सरकार आर्थिक बदहाली के चलते इस राशि को आरएससीएसटी में भी जमा नहीं कर पा रही है. नगर विमानन मंत्रालय द्वारा लगातार संपर्कों के बावजूद भी राज्य सरकार विमानन सेवाओ के विस्तार की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है.

ये है चिट्ठी की बातें-

रायपुर हवाई अड्डा: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने रायपुर हवाई अड्डे पर रनवे, पार्किंग और डॉपलर वेरी हाई फ़्रीक्वेंसी ओमनी रेंज (DVOR) के विस्तार के लिए राज्य सरकार से 464.36 एकड़ भूमि के अधिग्रहण का अनुरोध किया था। 464.36 एकड़ भूमि में से, राज्य सरकार। 440.21 एकड़ जमीन सौंपी है। 24.16 एकड़ भूमि की शेष भूमि की कमी के कारण, एएआई रनवे के विस्तारित हिस्से का संचालन करने में सक्षम नहीं है। जो कि वर्ष 2018 में बनकर तैयार हुआ था और उस क्षेत्र में संचालनात्मक चारदीवारी का निर्माण भी नहीं कर सका था।

रायगढ़ हवाई अड्डा:
सरकार के बीच हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के अनुसार। 23.07.2013 को छत्तीसगढ़ और एए के, रायगढ़ हवाई अड्डे को चरण- I में एटीआर-72/क्यू-400 प्रकार के विमान संचालन के लिए और बाद में चरण- II में ए320 प्रकार के विमानों के लिए विकसित किया जाना है। राज्य सरकार। इसके विकास के लिए सभी बाधाओं से मुक्त, 569 एकड़ अतिरिक्त भूमि के साथ 23 एकड़ लैंसी सहित मौजूदा हवाई अड्डे को सौंपना बाकी है।

बिलासपुर हवाई अड्डा:
351.15 एकड़ की भूमि को 2010 में एएआई के नाम पर उत्परिवर्तित किया गया था, लेकिन वर्ष 2011 में इसे राज्य सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया था। 2017 में, यह निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार एएआई के पक्ष में बिलासपुर में भूमि को बहाल करेगी। एएआई के पक्ष में हवाई अड्डे की भूमि की बहाली अभी भी लंबित है.

अंबिकापुर हवाई अड्डा:
सरकार छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर हवाई अड्डे को कोड 3सी संचालन के लिए जल्द से जल्द अपग्रेड किया जा सकता है। रुपये का बजट आरसीएस-उड़ान उड़ान संचालन के लिए अंबिकापुर हवाई अड्डे के पुनरुद्धार/विकास के लिए भी 90 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। आरसीएस कनेक्टिविटी संबंधित और लंबित वीजीएफ: 31.01.2022 तक उड़ान उड़ानों के लिए व्यवहार्यता गैप फंडिंग (वीजीएफ) का 20% हिस्सा, रु। 2.53 करोड़ राज्य सरकार की ओर से बकाया है। अत: छत्तीसगढ़ राज्य सरकार जल्द से जल्द आरएसीएफटी के पास राशि जमा करा सकती है।