Lalluram Desk. आजादी के बाद से बजट के हर तौर-तरीके में बदलाव आया है, समय से लेकर बजट के कागजों को रखने के लिए इस्तेमाल होने वाला ब्रीफकेस तक बदल गया है. दशकों तक भारत के वित्त मंत्री बजट के कागजात ब्रीफकेस में रखा करते थे, लेकिन 2019 में आजादी के बाद पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रीफकेस की जगह पारंपरिक ‘बही खाता’ शैली का बैग इस्तेमाल किया. आइए जानते हैं केंद्रीय बजट के इस रोचक पहलू के बारे में…

बजट (Budget) शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द बुगेट से हुई है. इसका मतलब है चमड़े का ब्रीफकेस. ब्रीफकेस में बजट के कागजात रखने की परंपरा हमें अंग्रेजों ने दी थी. भारत का बजट ब्रीफकेस ब्रिटिश बजट में इस्तेमाल किए जाने वाले ग्लैडस्टोन बैग की नकल था.

बात करें ग्लैडस्टोन बैग की तो, सन् 1860 में तत्कालीन ब्रिटिश बजट प्रमुख विलियम ई ग्लैडस्टोन ने कागजों के बंडल को ले जाने के लिए सोने में रानी के मोनोग्राम के साथ लाल सूटकेस का इस्तेमाल किया. इसे ग्लैडस्टोन बैग के नाम से जाना जाने लगा. बजट ब्रीफकेस इसलिए अस्तित्व में आया, क्योंकि ग्लैडस्टोन के भाषण असाधारण रूप से लंबे होते थे, और उन्हें अपने भाषण के कागज ले जाने के लिए ब्रीफ़केस की आवश्यकता होती थी.

तौर-तरीकों की बात करें तो ब्रिटेन में एक ही बजट ब्रीफ़केस एक वित्त मंत्री से दूसरे वित्त मंत्री को दिया जाता है. लेकिन भारत में अलग-अलग वित्त मंत्री अपने-अपने ब्रीफ़केस या बैग ले जाते थे. वहीं बजट के दिन भारत के वित्त मंत्री संसद के बाहर बजट बैग के साथ पोज़ देते हैं, जबकि ब्रिटेन में राजकोष के चांसलर बजट भाषण देने से पहले 11 डाउनिंग स्ट्रीट (वित्त मंत्री के आधिकारिक निवास) के सामने सूटकेस के साथ पोज़ देते हैं.

1947 में भारत के पहले वित्त मंत्री आरके शानमुखम चेट्टी ने स्वतंत्र भारत का पहला बजट पेश करने के लिए चमड़े का पोर्टफोलियो रखा था. 1970 से 2019 (अंतरिम बजट) के बीच, भारतीय वित्त मंत्री एक हार्डबाउंड ब्रीफ़केस ले जाते थे. ब्रिटेन के विपरीत इसका आकार और रंग अलग-अलग हुआ करते थे.

यह परंपरा 2019 में जाकर टूटी, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट ब्रीफ़केस की औपनिवेशिक विरासत को त्यागकर बजट के कागजात ले जाने के लिए ‘बही खाता’ शैली का बैग अपनाया.

2021 में आकर केंद्रीय बजट पेपरलेस हो गया. पिछले तीन पूर्ण केंद्रीय बजटों की तरह, अंतरिम बजट 2024 और केंद्रीय बजट 2024 भी पेपरलेस (डिजिटल) प्रारूप में पेश किए गए. सभी अवसरों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैबलेट ले जाने के लिए पारंपरिक ‘बही-खाता’ शैली की थैली का इस्तेमाल किया.