नई दिल्ली. वर्ष 2021 के लिए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण रिपोर्ट (एनएएस रिपोर्ट 2021) बुधवार को जारी कर दी गई है. यह स्कूली शिक्षा प्रणाली के समग्र मूल्यांकन को दर्शाता है. इस रिपोर्ट में एक दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं. जिसमें ये सामने आया है कि देश में स्कूल जाने वाले बच्चों में 48 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो पैदल ही अपने स्कूल जाते हैं. इनमें सिर्फ 9 प्रतिशत बच्चे स्कूल वाहनों का उपयोग करते हैं. इसके पहले ये सर्वेक्षण 2017 में आयोजित किया गया था.

9 प्रतिशत बच्चे ही करते हैं स्कूली वाहन का इस्तेमाल

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 18 प्रतिशत बच्चे साइकिल से, 9 प्रतिशत सार्वजनिक वाहनों से, 9 प्रतिशत स्कूली वाहनों से, 8 प्रतिशत अपने दोपहिया वाहन और 3 प्रतिशत बच्चे अपने चारपहिया वाहन से स्कूल जाते हैं. सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि स्कूल जाने वाले बच्चों में 18 प्रतिशत की मां पढ़ या लिख नहीं सकती हैं. जबकि 7 प्रतिशत साक्षर हैं, लेकिन स्कूल नहीं गई हैं.

72 प्रतिशत छात्रों के घर पर डिजिटल उपकरण

रिपोर्ट के अनुसार, 72 प्रतिशत छात्रों को घर पर डिजिटल उपकरण उपलब्ध है. इसमें कहा गया है कि 89 प्रतिशत बच्चे स्कूल में पढ़ाए गए पाठ को अपने परिवार के साथ साझा करते हैं और 78 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जिसके घर पर बोली जाने वाली भाषा स्कूल के समान है.

50% बच्चों को घर और स्कूल की पढ़ाई में कोई अंतर नहीं लगा

सर्वेक्षण के अनुसार, 96 प्रतिशत बच्चे स्कूल आना चाहते हैं और 94 प्रतिशत स्कूल में सुरक्षित महसूस करते हैं. कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में 38 प्रतिशत छात्रों को घर पर पढ़ाई करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जबकि 24 प्रतिशत छात्रों को कोई डिजिटल उपकरण उपलब्ध नहीं थे. रिपोर्ट में ‘महामारी के दौरान घर पर पठन-पाठन’ के खंड में कहा गया है कि 45 प्रतिशत छात्रों के लिए घर पर पढ़ना आनंददायक रहा. एनएएस रिपोर्ट 2021 (NAS report 2021) के मुताबिक 50 प्रतिशत छात्रों को घर और स्कूल में पढ़ाई करने में कोई अंतर नहीं महसूस हुआ.

इस अवधि में 78 प्रतिशत छात्रों के लिए काफी असाइनमेंट मिलना बोझ का कारण बन गया. राष्ट्रीय स्तर पर 7 प्रतिशत स्कूलों में शिक्षकों के अनुपस्थित रहने की बात भी सामने आई. जबकि 17 प्रतिशत स्कूलों में कक्षा में पर्याप्त जगह की कमी की बात सामने आई.

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