दिल्ली. रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर लगातार बयानबाजी की जा रही है. चारों पीठ के शंकराचार्यों ने भी कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार कर दिया है. इतना ही शंकराचार्यों ने राम के नाम पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया है. ऐसे में अब शंकराचार्य को लेकर बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का बयान सामने आया है. वसई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नारायण राणे ने कहा कि हिंदू धर्म में शंकराचार्य का योगदान क्या है?

उन्होंने कहा कि इतने वर्षों बाद राम मंदिर बन रहा है. ऐसा अब तक कोई नहीं कर पाया है. राम मंदिर का मामला किसी ने नहीं उठाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मामला उठाया. अब मंदिर बन रहा है तो शंकराचार्य को मंगल कामना करनी चाहिए. शंकराचार्य मोदी जी और बीजेपी को राजनीतिक दृष्टि से देख रहे हैं लेकिन ये कार्यक्रम धार्मिक है, हमारे धर्म के बारे में है.

मंत्री ने आगे कहा कि, राम हमारे भगवान हैं और यह सब उनके बारे में है. हम भगवान राम के दर्शन कर सकेंगे. शंकराचार्य का हिंदू धर्म में क्या योगदान है?

बता दें कि, चारों शंकराचार्यों ने दो टूक कह दिया है कि वो इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने अयोध्या नहीं जाएंगे. उनका कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रोक्त विधि नहीं है. जहां शास्त्रीय विधि का पालन नहीं हो वहां हमारा रहने का कोई औचित्य नहीं है. क्योंकि शास्त्र कहते हैं कि विधि पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा न हो उस प्रतिमा में देव विग्रह की बजाय भूत, प्रेत, पिशाच, बेताल आदि हावी हो जाते हैं. उसकी पूजा का भी अशुभ फल होता है क्योंकि वो सशक्त हो जाते हैं. ऐसे शास्त्र विरुद्ध समारोह में हम ताली बजाने क्यों जाएं? ये राजनीतिक समारोह है. सरकार इसका राजनीतिकरण कर चुकी है.

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