कोरबा। वैसे तो हाथी एक ऐसी प्रजाति है, जो मिल-जुलकर रहती है और झुंड में ही चलती है. इनमें समूह की भावना कूट-कूटकर भरी हुई होती है. लेकिन कटघोरा के जटगा वन परिक्षेत्र में एक अनोखा मामला सामने आया है. दरअसल यहां हाथी का बच्चा अपने झुंड से बिछड़ गया था. वो भटकते-भटकते जंगल के बीच में बने गड्ढे में गिर गया. इस बच्चे को बीट गार्ड ने अपनी सूझबूझ से बाहर निकाल लिया. लेकिन अब बाकी हाथी उसे अपने झुंड में शामिल नहीं कर रहे हैं.

वन विभाग के बीट गार्ड ने कई बार उसे हाथियों के झुंड में मिलाने की कोशिश की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. जिसके बाद उच्चाधिकारियों से निर्देश मिलने तक उसने हाथी के बच्चे को अपने पास रख लिया है.

40 हाथियों के झुंड से बिछड़ा बच्चा

बताया जा रहा है कि बीती रात पसान वनमंडल के तहत मातिन के पास 40 हाथियों का एक झुंड आया था. इन्होंने यहां करीब 30 किसानों की फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया. इनके झुंड में एक बच्चा भी था.

सुबह किसानों ने वन अमले को सूचना दी कि जंगल के करीब एक हाथी का शावक गड्ढे में गिर गया है. जिसके बाद फॉरेस्ट गार्ड मंगल सिंह ने मौके पर पहुंचकर गडढे में गिरे शावक को बाहर निकाला और उसे झुंड के करीब ले जाकर मिलाने की कोशिश की. लेकिन झुंड के हाथी उसे करीब नहीं आने दे रहे, लिहाजा मंगल सिंह ने मामले की जानकारी जटगा रेंज के रेंजर नोहर सिंह को दी. नोहर सिंह ने उच्चाधिकारियों को घटना से अवगत कराया, लेकिन मामले में क्या किया जाना है, इसका कोई ठोस निर्णय नहीं निकलने के कारण हाथी के बच्चे को अभी मंगल सिंह के पास ही रखा गया है.

जटगा रेंज के रेंजर नोहर सिंह ने बताया कि रात में हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज सुनाई दी थी. माना जा रहा है कि हाथियों का दल अपने बच्चे की तलाश कर रहा होगा. अब समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर हाथी अपने झुंड में बच्चे को क्यों नहीं ले रहे हैं.

इधर हाथियों के उत्पात में कई एकड़ फसल बर्बाद हो गई है. कोरबा वन मंडल क्षेत्र में भी हाथियों की मौजूदगी से लोग दहशत में हैं. कटघोरा से पेंड्रा रोड जाने वाले मार्ग पर 30 किमी दूर मातिन इलाके में हाथियों की मौजूदगी पहली बार देखी गई है.