प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। सावन के पवित्र महीने में हर सनातनी के घर और शिवालयों में शिव पूजा जारी रहती है. ऐसे में शिव भक्त भोले बाबा को खुश करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं. आज हम आपको ऐसे शिव भक्त के बारे में बताने जा रहे हैं जो बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली 72 साल की कृष्णा बम है. एक बार फिर से कृष्णा बम बाबा गरीबनाथ को जल चढ़ाने के लिए गई हुई थी. पिछले वर्ष एक दुर्घटना में पैर टूट जाने के कारण वह वहां नहीं जा सकी थीं, लेकिन भोलेनाथ के लिए उनकी आस्था इतनी गहरी है कि वह इस साल फिर से डाक बम यात्रा पर निकल गई. शनिवार को भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने के बाद वह सुल्तानगंज के लिए रवाना हो गई हैं. रविवार को वहां जलबोझी कर सोमवार को बाबा बैद्यनाथ को जल अर्पित की.

सावन माह के 5 वे और अंतिम सावन सोमवार को कवर्धा शहर के प्राचीन मंदिर पंचमुखी बूढ़ा महादेव पहुंची और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ जलाभिषेक की. इस दौरान कभी उत्साह दिखी फिर छत्तीसगढ़ के खजुराहो मैकल पर्वत के गोद में बेस बाबा भोरमदेव मंदिर पहुंची और जलाभिषेक की. वहीं शिव भक्त जब कृष्णा बम के बारे में जाने तो शहरवासियों ने उनका जोरदार स्वागत किए और सेल्फी लेने के लिए आतुर दिखे.

41वीं बार डाक बम यात्रा

कृष्णा बम पिछले 40 साल से बाबा वैद्यनाथ पर डाक बम से जल चढ़ा रही हैं. इस साल वह 41वीं बार यह यात्रा पूरी कर ली हैं. उनका कहना है कि घुटना टूटा है उत्साह नहीं. कृष्णा बम हर साल सावन के हर सोमवार को बाबा बैद्यनाथ और अन्य ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करती हैं. पहली बार उन्होंने 1976 में बाबा बैजनाथ पर जल चढ़ाया था. उसके बाद 1982 से लगातार डाक बम के रूप में सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर देवघर में बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करती आ रही हैं.

ओंकारेश्वर और महाकाल मंदिर में भी दर्शन और पूजा की

इस बार भी वह देवघर के बाद दूसरी सोमवारी में ओंकारेश्वर और फिर आखिरी सोमवारी में महाकालेश्वर जाकर जलाभिषेक की है. कृष्णा बम का कहना है कि मैं कुछ नहीं करती बस महादेव सब कुछ करवा देते हैं. अपने जीवन के सबसे यादगार अनुभव को बताते हुए वह कहती हैं कि जीवन के सबसे बड़े और अद्भुत क्षण में से एक कैलाश पर्वत और मानसरोवर का दर्शन करना रहा. बता दें कि 2019 में कृष्णा बम को भारत सरकार की अनुमति के बाद पाकिस्तान के कटास राज मंदिर जाने का भी मौका मिला था. यह मंदिर लाहौर से 180 किलोमीटर दूर स्थित है.

गंगोत्री से सेतबांध रामेश्वरम 4500 किलो मीटर अपने पुत्र मुकेश कुमार के साथ साइकिल से यात्रा पूरी की है, 3 माह में पैदल रोजाना 50 किलो मीटर पद यात्रा कर रामेश्वरम में जलाभिषेक की हरिद्वार से बाबा बैधनाथ कांवर लेकर एक माह में जलाभिषेक की. साइकिल से करावार मुज्जफरपुर से एक 15 दिनों में 1900 किलोमीटर सकर तय करके वैष्णव देवी की दर्शन की.