कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में देवों के सेनापति भगवान कार्तिकेय का अनोखा मंदिर है, जहां साल में एक ही बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंदिर के पट खुलते हैं। आज कार्तिक पूर्णिमा है और सुबह चार बजे से कार्तिकेय मंदिर के पट भक्तों के दर्शन के लिए खोले गए हैं। यहां सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरु हो गया। करीब 401 साल पुराना यह देश का इकलौता मंदिर है,जहां भगवान कार्तिकेय के साथ गंगा-यमुना-सरस्वती की त्रिवेणी मूर्ति भी स्थापित की गई है।
ग्वालियर के जीवाजीगंज में स्थित यह देश का इकलौता मंदिर है, जहां कार्तिकेय स्वामी की 6 मुखी प्रतिमा स्थापित है। भगवान कार्तिकेय का मंदिर साल में एक बार कार्तिक पूर्णिमा को ही खुलता है। भगवान कार्तिकेय के साथ इस मंदिर में हनुमान जी, गंगा, जमुना, सरस्वती और लक्ष्मीनारायण आदि मंदिर हैं। इन सभी मंदिरों में प्रतिदिन दर्शन होते हैं। लेकिन भगवान कार्तिकेय के दर्शन कार्तिक पूर्णिमा पर ही होते है।
मंदिर के पुजारी का कहना है कि भगवान कार्तिकेय के साल में एक बार ही दर्शन होते है। देर रात मंदिर के अंदर पुताई, सफाई और भगवान कार्तिकेय का अभिषेक किया गया। फिर उनका श्रंगार हुआ, जिसके बाद भक्तों के लिए दर्शन शुरू किए गए।
साल में एक बार ही किए जाते हैं भगवान कार्तिकेय के दर्शन
इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश के बीच तीन लोको की परिक्रमा करने की प्रतियोगिता हुई। जिसमें भगवान गणेश ने अपनी बुद्धि से शिव-पार्वती की परिक्रमा कर उसे जीत लिया। प्रथम देव कहलाये, वहीं इस बात से नाराज होकर भगवान कार्तिकेय अज्ञात स्थान पर तपस्या करने चले गए थे। जब शिव, पार्वती उन्हें मनाने पहुंचे तो उन्होंने श्राप दिया कि जो स्त्री उनके दर्शन करेगी वह सात जन्म तक विधवा हो जाएगी, जो पुरूष दर्शन करेगा वह सात जन्म तक नर्क में जाएगा। बाद में जब माता पार्वती ने उनसे कहा कि ऐसा कोई दिन बताएं जब आपके दर्शनों का भक्तों को लाभ मिल सके। तब भगवान कार्तिकेय ने कहा कि मेरे जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा पर जो भक्त मेरे दर्शन करने आएगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। तभी से मान्यता अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान कार्तिकेय भक्तों को दर्शन देते हैं।
मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालु ने बताया कि, भगवान कार्तिकेय के श्रंगार और अभिषेक के बाद सुबह 4 बजे से उनके दर्शन हो रहे है,भगवान कार्तिकेय सभी की मनोकामना पूरी करते है,यही वजह है कि दूर दराज से भी भक्त यहां आते है। भक्तों के लिए 24 घंटे तक खुले इस मंदिर में पूजा अर्चना कर कार्तिकेय भगवान की प्रतिमा को कपड़े से ढंककर दरवाजे पर ताला लगा दिया जाएगा, इसके बाद उनका पट अगले साल कार्तिक पूर्णिमा पर ही खुलेगा।
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