दिल्ली. बदलते वक्त के साथ सामाजिक रीति-रिवाज और परंपराओं में भी परिवर्तन देखने को मिलता रहता है. लैंगिक समानता की दिशा में अनूठी मिशाल पेश करने वाला एक ऐसा ही परिवर्तन कर्नाटक में देखने को मिला है.

कर्नाटक के विजयपुरा जिले में दो दुल्हनें तब नए युग की शादी की मिशाल बन गईं, जब पारंपरिक तरीके से दूल्‍हों ने दुल्हनों के मंगलसूत्र बांधा वैसे ही दुलहनों ने भी आगे बढ़कर दूल्‍हों के गले में मंगलसूत्र बांध दिया.

बता दें कि दूल्हे और दुल्हन दोनों अलग-अलग जातियों के हैं. इस अंतर्जातीय विवाह समारोह में कन्‍यादान और मुहूर्त जैसी परंपराएं भी टूटीं. दूल्हे, अमित और प्रभुराज ने क्रमशः 12 वीं शताब्दी की श्री बासवन्ना की परंपरा में प्रिया और अंकिता से शादी की. दोनों जोड़ियां लैंगिक समानता में विश्वास करती हैं और अपनी अनोखी शादी के साथ एक सामाजिक संदेश भेजना चाहती हैं.

दिलचस्प बात यह है कि, यह शादी लिंगायत हार्टलैंड में हुई जहां 12 वीं शताब्दी में बासवन्ना ने पुरुषों और महिलाओं की समानता का प्रचार किया था. दोनों दूल्हों के पिता बासवन्ना के प्रबल अनुयायी हैं.