रायपुर– छत्तीसगढ़ में यूनिवर्सल हेल्थ केयर का रोडमैप बनना शुरू हो गया है. इसके लिए प्रदेश की मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने विशेषज्ञों और विभागीय अधिकारियों के साथ आज दिनभर मंथन किया.

रायपुर के सिविल लाइन स्थित नवीन विश्रामगृह में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में प्रदेश में यूनिवर्सल हेल्थ केयर को लागू करने, शासकीय स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी बनाने, जरूरी अधोसंरचना, पर्याप्त संख्या में मेडिकल उपकरणों और दवाईयों की उपलब्धता तथा सभी लोगों का निःशुल्क इलाज सुनिश्चित करने के उपायों पर गंभीर विचार-विमर्श किया गया. कार्यशाला में चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र के अनेक विशेषज्ञों, स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले, वरिष्ठ अधिकारियों एवं गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रभावी बनाकर यूनिवर्सल हेल्थ केयर लागू किया जाएगा. इस क्षेत्र की कमियों और खामियों को शीघ्र दूर कर प्रदेश के हर नागरिक तक स्वास्थ्य सेवाओं की निःशुल्क पहुंच बढ़ाने की कोशिश की जाएगी. जिन ऑपरेशनों और बीमारियों के इलाज की सुविधा शासकीय अस्पतालों में नहीं होंगी, उसके लिए निजी क्षेत्र के अस्पतालों की सेवाएं भी ली जाएंगी. स्वास्थ्य सरकार की बड़ी प्राथमिकता है. लोगों तक तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं बिना किसी शुल्क के पहुंचे, इसके लिए यूनिवर्सल हेल्थ केयर के जरिए जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी.

कार्यशाला में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की पूर्व सचिव डॉ. सुजाता राव, स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने कई राज्यों में कार्य कर चुके रवि दुग्गल, डॉ. समित शर्मा, केशव देसिराजू, डॉ. ऋतुप्रिया, योगेश जैन एवं सुनील नंदराज ने यूनिवर्सल हेल्थ केयर के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए. कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरेशन के प्रबंध संचालक निरंजन दास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन एम नागरकर भी मौजूद थे.